कृषकों के माथे पर चिंता की लकीरें, मौसम ने बिगाड़ा फसलों का मिजाज
खकनार - इस वर्ष लगातार हो रही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उकेर दी है ।बीते कई दिनों से क्षेत्र में हो रही बारिश का असर अब खकनार क्षेत्र के खेतों में भी दिखाई देने लगा है जिससे किसान अब चिंतित होने लगे हैं जिन किसानों के द्वारा मई माह में जो कपास की बोवनी की गई थी अब उन कपासो की गेठिया सड़ने लगी है वही पूरा क्षेत्र में पानी ने त्राहि-त्राहि मचा रखी है वही क्षेत्र के नदी नाले तालाब डैम पानी से लबालब भरे हुए हैं अब क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर अपनी फसल को लेकर चिंता दिखाई दे रही है किसान चिंतित है कि अब यदि सितंबर माह में भी आखिरी तक वर्षा होती है तो बहुत ज्यादा मात्रा में किसानों को अपनी फसल में नुकसान उठाना पड़ सकता है वहीं इस बार खकनार क्षेत्र में किसानों द्वारा ज्यादा मात्रा में मक्का की फसल लगाई है मक्का की फसल पर सागोन पर पड़ी इल्लियाँ मक्का फसल को नुकसान पहुंचा रही है यदि ऐसा ही आलम रहा तो मक्का फसल भी किसानों को धोखा दे सकती है वही सोयाबीन फसल पर भी ज्यादा वर्षा होने के कारण खतरा मंडरा रहा है यदि सूरज की किरणें यदि सोयाबीन की फसल पर नहीं पड़ी तो सोयाबीन की फलियां भी पूरी तरह से खराब होकर सड़ जाएगी जिसके कारण किसान भाइयों को काफी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ सकता है अधिक वर्षा होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है आने वाले समय में यदि धूप नही निकलती है तो मक्का सोयाबीन जैसी फसले नहीं आ पाएगी वह जिस किसान के पास पाझर वाली जमीन है उस किसान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है अब उनके पास एक ही उपाय बचा है कि उस फसल को उखाड़ कर वहां दूसरी फसल लगाने की तैयारी में है