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मंगलवार, 31 दिसंबर 2019
समूह सदस्यों की किसी भी समस्या के समाधान के लिए हमेशा उपलब्ध हूँ- विधायक समूह सदस्यों को सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के नये आयाम प्रस्तुत करने होंगे- कलेक्टर, 469 स्व सहायता समूहों को 7 करोड़ 60 लाख रु की नकद साख सीमा की स्वीकृति एवं वितरण
जनसुनवाई कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत ने सुनी आमजनों की समस्याएं
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अनुपपुर | |
सुशासन आमजनो के प्रशासन से निर्बाध संपर्क से प्रारम्भ होता है। आमजनो की समस्याओं को समझना, उन्हें दूर करना, शासन द्वारा प्रदत्त सेवाओं का समय से प्रदाय यही प्रशासन का कर्तव्य है लक्ष्य है। इन्हीं भावनाओं को मूर्त रूप देने का कार्य कर रही है जनसुनवाई। साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रम में 31 दिसम्बर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सरोधन सिंह ने लोगों की समस्याओं को सुन विभिन्न विभागों के अधिकारियों को यथोचित निराकरण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में विकासखंड जैतहरी अंतर्गत ग्राम छुलकारी की बुट्टन बाई यादव ने 10 माह से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने, ग्राम पंचायत कांसा के ग्रामीणों ने सचिव सरमन चौधरी द्वारा वित्तीय अनियमितता करने पर निलंबित करने, ग्राम रक्शा पो. फुनगा के रामायण प्रसाद मिश्रा ने किसान सम्मान निधि की राशि दिलाए जाने, ग्राम बेनीबहरा थाना बिजुरी के हेमदास अहिरवार ने ट्रेक्टर विक्रेता संतलाल पटेल से कोटेशन राशि 50 हजार रुपए दिलाए जाने, ग्राम खांड़ा के रामनाथ राठौर ने करेन्ट लगने से गर्भवती भैंस की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि दिलाने के संबंध में आवेदन दिया। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। |
ग्राम बसनिहा से मां नर्मदा अन्न यात्रा निकाल कर अन्न दान का किया गया संग्रह
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एमपीपीएससी की परीक्षा हेतु परीक्षा संचालन दल गठित
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सभी अधिकारी जनगणना के कार्य को गम्भीरता से लें- श्री गंगवार कलेक्टर ने दिए जिला अधिकारियों को निर्देश
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एएनएम के कार्य नहीं करने पर उसके साथ सुपरवाईजर भी दण्डित होंगे सघन सुदृढीकरण टीकाकरण पहल की जिला टास्क फोर्स बैठक संपन्न
रतलाम | |
रतलाम जिले में सघन सुदृढीकरण टीकाकरण पहल कार्यक्रम के द्वारा 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन कलेक्टोरेट सभाकक्ष में किया गया। बैठक में कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने माइक्रोप्लान तैयार कर कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कार्यक्रम की नियमित मानिटरिंग और सुपरविजन करने हेतु कहा। उन्होने स्पष्ट किया कि टीम वर्क करें समस्याओं का मूल्यांकन करें और अपने स्तर पर तथा वरिष्ठों को सूचित करके समस्या का समाधान करें। कलेक्टर ने लक्ष्य पूर्ति के निर्देश देते हुए कहा कि एएनएम के कार्य नहीं करने पर उसके साथ सुपरवाईजर भी दण्डित होंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि जिले के 139 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में टीकाकरण 90 प्रतिशत से कम है, इन क्षेत्रों में कवरेज शत-प्रतिशत करने के उददेश्य से अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत 6 से 16 जनवरी, 3 से 13 फरवरी और 2 से 12 मार्च इस प्रकार तीन चरणों में टीकाकरण किया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. वर्षा कुरील ने बताया कि हेड काउंट सर्वे कराकर छूटे बच्चों के लिए डयु लिस्ट तैयार की जाएगी और टीकाकरण किया जाएगा। एक छूटे बच्चे को टीककरण स्थल पर लाकर टीका लगवाने वाले स्कूली बच्चे को टीकाकरण राजदूत और क्षेत्र के दो से पांच छूटे बच्चे को टीकाकरण स्थल पर लाकर टीका लगवाने वाले स्कूली बच्चे को टीकाकरण चेम्पियन के रूप में सम्मानित किया जाएगा। कलेक्टर ने कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को रतलाम शहरी क्षेत्र और जावरा शहरी क्षेत्र में कार्यक्रम पर फोकस करने के निर्देश दिए। बैठक में जिले के विभिन्न चिकित्सक, डीपीएम, डा. जी.आर. गौड, बीईई, एमईआईओ, सुपरवाईजर, एएनएम, एलएचव्ही आदि उपस्थित रहे। |
गोवंश संवर्धन संरक्षण के लिए खजूरी देवड़ा में भी बन रही है गौशाला "खुशियों की दास्तां"
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गणतंत्र दिवस पर ‘‘भारत पर्व’’ का आयोजन
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ढाई लाख हेक्टेयर में होगा बिगड़े बाँस वनों का सुधार एवं संरक्षण लाभान्वित होंगे डेढ़ हजार वनवासी परिवार
निवाड़ी | |
राज्य शासन ने वनवासियों की आजीविका को सुरक्षित आर्थिक आधार प्रदान करने के लिये बिगड़े बाँस वनों के सुधार एवं संरक्षण की योजना तैयार की है। वन और ग्रामीण विकास विभाग समन्वित रूप से महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े बाँस क्षेत्र का सुधार और संरक्षण करेंगे। इस पर लगभग 1365 करोड़ खर्च किये जाएंगे। योजना से शुरू के 4 सालों में लगभग डेढ़ हजार वनवासी परिवार लाभान्वित होंगे। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन श्री चितरंजन त्यागी ने बताया कि इस योजना से वनवासियों को स्थाई आजीविका का साधन मिलेगा। साथ ही, वन संरक्षण भी होगा। योजना में पाँचवें वर्ष से बाँस का विदोहन किया जाएगा। विदोहन से प्राप्त बाँस संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा। इसी प्रकार पूर्व से बाँस वनों से आच्छादित रहे क्षेत्रों के 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी बाँस रोपण किया जाएगा। बाँस रोपण के आठवें वर्ष में बाँस विदोहन से प्राप्त बाँस संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा। वनवासी समुदाय की आजीविका में वन उत्पादों का महत्वपूर्ण स्थान है। वनों के संरक्षण से न केवल उत्पादों की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी बल्कि अच्छा वन आवरण, भू-जल और कृषि आधारित आजीविकाओं को भी बेहतर किया जा सकेगा। प्रदेश में 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो प्रदेश का 30.72 प्रतिशत भू-भाग है। वन प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश में 15 हजार 608 संयुक्त वन प्रबंधन समितियाँ गठित हैं। प्रदेश के 66 हजार 874 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र का प्रबंधन करने में स्थानीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। समुदायों की भागीदारी से वनों की अवैध कटाई, चराई और अग्नि सुरक्षा पर कारगर नियंत्रण संभव हो सका है। |
अतीत की विरासत को सहेजें और उसका अनुसरण करें युवा - राज्यपाल नेहरू युवा केन्द्र का पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न
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नई पेयजल नीति से छोटे-छोटे गाँव भी होंगे लाभान्वित : मंत्री श्री पांसे
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ग्रामों में सुदृढ अधोसंरचना से समृद्ध मानव विकास का लक्ष्य (विशेष लेख)
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निवाड़ी | |
सदियों देश में सबसे महत्वपूर्ण ईकाई ग्राम ही रहा है। भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। हमारी 75 प्रतिशत आबादी या तो गाँव में ही निवास करती है या फिर ग्राम से सम्बन्धित है। हमारी अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। मध्यप्रदेश में ग्रामों को आर्थिक, सामाजिक, अधोसंरचना और स्वायत्ता के हिसाब से समृद्ध बनाने का काम किया गया है। देश में सर्वप्रथम पंचायतराज व्यवस्था को 73वें संविधान संशोधन विधि के माध्यम से ग्राम-पंचायतों को अपने विकास का कार्य स्वंय तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो देश के इतिहास में सदैव मील के पत्थर के रूप में याद की जाती रहेगी। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से पंचायतों को आर्थिक और अधिकारिता के दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि जब ग्राम समृद्ध होंगे तथा राज्य समृद्ध होगा। वर्तमान सरकार ने अपने पहले वार्षिक बजट में 25 हजार 15 करोड़ का प्रावधान ग्रामीण विकास और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किया है। वित्त वर्ष की तीन-तिमाई पूरी होते-होते ग्राम विकास का रोड़ मेप और सरकार की मंशा दोनो अपना साकार रूप लेने लगे है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामों को सशक्त अधोसरंचना प्रदान काने के साथ ही मानव विकास गतिविधियों को भी समान्तर तरजीह दी गई है। "सड़के" विकास की रीढ़ है। सड़कों के माध्यम से ही विकास की रोशनी दूरस्थ अंचल तक पहुँच सकती है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 500 तक आबादी लगभग सभी ग्रामों को डामरीकृत सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। गत एक वर्ष में 554 मार्ग पूर्ण कर, 3319 कि.मी. सड़कों का निर्माण कर 366 बासहटों को सम्पर्क सूत्र से जोड़ा गया है। ग्रामीण सार्थकता परियोजना के तहत 136 करोड़ रूपये के व्यय से 2752 कि.मी. डामरीकृत और सीमेन्ट कांक्रीट निर्माण भी पूर्ण किया गया है। राज्य वित्त पोषित अन्य योजनाओं से 670 कि.मी. मार्ग पूर्ण कर 580 ग्रामों को जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 प्रतिशत भागीदारी के साथ 2 लाख 72 हजार 889 रूपये के व्यय से 2,23,133 आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद "स्वच्छ भारत मिशन" में पुन: सर्वे कराकर, 2012 में छूटे 3,06,098 आवासों को चिन्हित किया गया है। इनमें आवास बनाने का कार्य प्रगति पर है। अभी तक 219 करोड़ रूपये की राशि व्यय की जा चुकी है। प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए ग्राम में ही राज मिस्त्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी राज्य सरकार की अभिनव पहल है। प्रदेश में 19690 राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया, इनमें 9411 महिला राज मिस्त्री तैयार की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास में भुगतान की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। "पंचायत दर्पण" पोर्टल के माध्यम से पंचायतों की भुगतान प्रक्रिया ऑन-लाईन की गई है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्वारा RESOWMS, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सरल डेव्हलपमेंट विकसित की गई है। प्रदेश में रोजगार गतिविधियों के तहत मानव विकास बतिविधियों को प्रोत्साहित करने का काम भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। म.प्र. अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के 5 लाख 32 हजार परिवारों को 49 हजार 815 स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है। इनमें से 37 हजार 97 समूहों को 232 करोड़ के ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराये गये है। स्व-सहायता समूहों की रोजगार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग ने भोपाल हाट बाजार में "सरस-मेलों" का आयोजन किया गया, आजीविका मिशन की महिला सदस्यों को नई-दिल्ली फूड कोर्ट में व्यंजनों की स्टाल लगाने का अवसर दिया गया। इसके साथ ही पंचायत राज संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए उनके अधिकारों में बढ़ोत्तरी , ग्राम स्तर पर जी.पी.डी.पी. (ळच्क्च्) तैयार कराना, ग्राम सभाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए 8 मार्च को "सबला-सभाओं", 19 नवम्बर को प्रिय-दर्शिनी सभाओं का आयोजन प्रारम्भ किया गया है। आवासीय भू-खण्ड एवं आवास आवंटन महिलाओं के नाम करने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की गई है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मैदानी काम करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। इसी क्रम में ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की 66,492 शालाओं में भोजन बनाने के लिए शत-प्रतिशत शालाओं के रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए है। इससे पेड़ो (लकड़ी) की कटाई और धुएं से होने प्रदूषण को कम से कम करने में मदद मिलेगी। प्लास्टिक मुक्त भारत में मध्यप्रदेश की अभिनव पहल के तौर पर एम.पी.आर.आर.डी.ए. द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मटेरियल के माध्यम से साढ़े सात हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। इसमें 3650 मैट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किया गया है। जल-संसाधन एवं संवर्धन की गतिविधियाँ भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से लागू की गई है। इनमें नदी पुर्नजीवन के तहत 40 जिलों की 40 नदियों को पुर्नजीवित करने का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 953.41 करोड़ लागत के 56,193 कार्य हाथ में लिए गये है विभिन्न क्षेत्रों में 40.92 करोड़ से 4674 कार्य पूर्ण किए जा चुके है। साथ ही पानी के संकट का सामना कर रहे बुन्देलखण्ड अंचल को 10वीं शताब्दी तक के "चंदेला-बुन्देला" तालाबों को पुनरू उद्धार कराने का कार्य भी प्राप्त किया गया है। हम कह सकते है ग्रामीण विकास के क्षेत्र में "हम लक्ष्य तक पहुँचे भले ही न हो" लेकर प्रस्थान तो अवश्य है। |
लगभग 3167170 रुपये की शराब नष्ट की गई
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स्वच्छता की दृष्टि में सागर देश में 11 नंबर पर
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सागर | |
भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत सागर जिले को दूसरे क्वार्टर लीक में देश में 11वां स्थान आने पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने सभी अधिकारी/कर्मचारियों एवं सागर वासियों को बधाई दी है। नगर निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत ने बताया कि जागरूकता के और प्रयास किए जाएंगे जिससे सागर का स्थान पहले स्थान पर आ सके। भारत सरकार द्वारा सर्वे एक लाख से दस लाख तक की आबादी पर 11वां स्थान प्रदान किया गया। ज्ञात हो कि इस सर्वे में प्रदेश के इंदौर जिला लगातार प्रथम स्थान पर है। |
मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना में किसान के खाते में पहुँचेगी अंतर की राशि, 20 जिलों को मांग के अनुसार 116 करोड़ की राशि जारी
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ढाई लाख हेक्टेयर में होगा बिगड़े बाँस वनों का सुधार एवं संरक्षण लाभान्वित होंगे डेढ़ हजार वनवासी परिवार
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रजा पुरस्कार के लिये प्रविष्टियाँ आमंत्रित
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कलेक्टर ने रेडक्रॉस से स्वीकृत की प्रियांशु के बोनमेरो ट्रांसप्लांट हेतु 25 हजार रूपये की सहायता आम नागरिकों एवं संस्थाओं से भी की सहयोग की अपील
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ग्राम पंचायत, अनुविभाग व जिला स्तर पर हुई जनसुनवाई -
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केन्द्रीय जेल नरसिंहपुर में पुरस्कार वितरण के साथ ही प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का हुआ समापन
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2019- विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों का वर्ष "विशेष लेख"
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नरसिंहपुर |
मध्यप्रदेश के लोकोन्मुखी प्रशासनिक इतिहास में नि:संदेह, वर्ष 2019 विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों तथा सार्थक आयोजनों के वर्ष के रूप में याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में श्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली नई सरकार ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का अपना पहला साहसिक निर्णय लिया। नतीजतन, लगभग 20 लाख किसानों को अब तक राहत मिली और बाकी को राहत मिलना जारी है। यह एक बहुप्रतीक्षित निर्णय था। किसानों द्वारा की गई आत्म-हत्याओं के लिए मुख्य रूप से ऋणग्रस्तता और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों की विफलता जैसे कारण बताए गए थे। प्रासंगिक राजस्व कानूनों के तहत किसानों को सामान्य प्रावधानों से अलग हटकर राहत की जरूरत महसूस की जा रही थी। सरकार ने तुरंत कृषि ऋणों को माफ करने का अपना पहला आदेश जारी कर अपने पहले वादे का सम्मान किया। खाली हो चुके सरकारी खजाने को देखते हुए निर्णय पर प्रारंभिक रूप से संदेह व्यक्त किया गया। यह प्रभावशाली शुरुआत थी। इसके बाद विवेकपूर्ण फैसलों की एक श्रृंखला-सी बन गई। शासन को मज़बूती देना और नई चुनौतियों का सामना कर समाधान निकालना आवश्यक था। वर्ष के अंत तक यह स्पष्ट हो गया कि पहले की सरकार की घोषणाओं और प्रयासों के लिए बजटीय प्रावधान ही नहीं किए गए थे। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में गैरकानूनी रूप से साहूकारी का प्रचलन हमेशा एक समस्या रही है। छोटी-छोटी रकम की जरूरतों के लिए जनजातीय परिवारों को अनौपचारिक रूप से काम कर रहे साहूकारों पर निर्भर रहना होता है और वे तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं। कई वर्षों तक कर्ज़ से दबे रहते हैं। कर्ज में डूबे ऐसे आदिवासी परिवारों के पक्ष में दूसरे साहसिक निर्णय ने काफी हलचल पैदा की। जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा ब्याज दर पर उधार देने की साहूकारी प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य को लेकर इसकी व्यापक रूप से सराहना की गई। परिणामस्वरूप, कई आदिवासी परिवार साहूकारों की ऋणग्रस्तता के चक्र से बाहर आ गए। अर्थ-व्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में अच्छे फैसले और रणनीतिक प्रयास देखे गए। मध्यप्रदेश को आदिवासी कलाओं की विरासत के संरक्षण का विशेषाधिकार पहले ही मिला है। जाने-माने कलाकार स्वर्गीय जनगढ़ सिंह श्याम ने मध्यप्रदेश को दुनिया भर में आदिवासी कला के केन्द्र के रूप में पहचान दिलाई थी। हाल ही में भज्जू सिंह श्याम को गोंड चित्रों की परंपरा को समृद्ध बनाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। गोंड चित्रकला की विशिष्ट परंपरा और शैली को आगे बढ़ाने के लिए कई गोंड जनजातीय चित्रकार स्व-प्रेरणा से आगे आ रहे हैं। गोंडी बोली में प्राथमिक कक्षाओं के लिए पठन सामग्री को गोंड जनजाति समुदाय के छात्रों के लिए तैयार करने के निर्णय को सराहना मिली। दुनिया भर में देशज लोगों की लुप्तप्राय हो रही बोलियों और भाषाओं के मद्देनजर यह निर्णय महत्वपूर्ण हो जाता है। भाषाई पहचान के संकट के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इनकी रक्षा तभी हो सकती है, जब इन्हें ज्यादा से ज्यादा बोला और पढ़ा जाए। इसी तरह, 2019 को गोंड कला वर्ष घोषित किया गया। बिना देखभाल के घूम रहे गो-वंशीय पशुओं के लिए गौ-शाला निर्माण के राज्य सरकार के एक और महत्वपूर्ण निर्णय ने देशव्यापी ध्यान आकर्षित किया है। गहन समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि अनाथ पशुओं के लिए कोई सरकारी स्वामित्व वाली या संचालित गौ-शाला नहीं है। ऐसे पशु यातायात के लिए खतरा बन रहे हैं, साथ ही खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुँचा रहे हैं। इस निर्णय के तुरंत बाद, कई लोग गौ-शाला बनाने के लिए भूमि और सामग्री दान करने की सरकार की घोषणा के समर्थन में सामने आए। कुछ औद्योगिक घराने इस उद्देश्य के लिए अपने सीएसआर फंड देने की पेशकश कर रहे हैं। कुमार मंगलम बिड़ला ने उच्च तकनीकी युक्त गौ-शालाओं के निर्माण की घोषणा की। इस वर्ष अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब तबके के लोगों के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण करके लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी की गई। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले वास्तव में आम आदमी के सबसे बड़े दुश्मन हैं। मिलावट-मुक्त भोजन का उपयोग करने के बारे में दुनिया में लोगों में चेतना बढ़ रही है। दुनिया भर में सरकारें लोक स्वास्थ्य के प्रति चेतना और साक्षरता बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। मध्यप्रदेश जैसे राज्य लोक स्वास्थ्य को खतरे में डालकर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की अनुमति के लिए कभी तैयार नहीं हो सकते। हाल ही में, मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ एक सतत अभियान चलाने का दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय लिया गया। इस अभियान को खुले मन से लोगों का समर्थन मिल रहा है। इसी वर्ष रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइड-लाइन दर को 20 प्रतिशत तक कम करने की रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई। सबसे उत्साहजनक उपलब्धि मध्यप्रदेश को तब मिली, जब टाइगर राज्य का दर्जा दोबारा हासिल हुआ। इसका श्रेय नि:संदेह रणनीतिक वन्य-जीव संरक्षण प्रयासों और राष्ट्रीय उद्यानों के कुशल प्रबंधन को जाता है। इंदौर में मैग्नीफिसेन्ट मध्यप्रदेश, छिंदवाड़ा में कॉर्न फेस्टिवल और भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेले जैसे आयोजनों की काफी चर्चा रही। वर्षांत में सरकार ने अपना "विजन-टू-डिलीवरी" रोडमैप 2020-25 बनाया। इसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया। डॉ. सिहं ने आर्थिक प्रगति तेज करने की सोच और प्रयासों की स्पष्टता के लिए राज्य सरकार की सराहना की। एक वर्ष के कम समय में 365 वादे पूरे हुए |
अवैध प्लाटिंग कर रहे सात लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज
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जबलपुर | |
जिला प्रशासन ने रमनगरा में अवैध रूप से प्लाटिंग कर भूखण्ड का विक्रय करने वाले सात व्यक्तियों के विरूद्ध तिलवारा पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एसडीएम गोरखपुर आशीष पाण्डे के मुताबिक गोरखपुर तहसील के अंतर्गत ग्राम रमनगरा के पटवारी हल्का नंबर 07 में नगर निगम तथा नगर एवं ग्राम निवेश की अनुमति प्राप्त किये बिना मनोहरलाल, शशि वैदेही एवं अजय, अभय, अंकिता वैदेही, मनजीत कौर तथा नोखेलाल द्वारा कृषि भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर विक्रय करने की शिकायतें प्राप्त हुई थी। इस शिकायत को क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक से कराई गई जांच में सही पाया गया था। श्री पाण्डे ने बताया कि मामले में सभी आरोपियों के विरूद्ध तिलवारा थाने में राजस्व निरीक्षक रमेश प्रसाद कोष्टी द्वारा दर्ज कराई गई है। |
स्टेडियम निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए:- मंत्री श्री पटवारी -
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ढाई लाख हेक्टेयर में होगा बिगड़े बाँस वनों का सुधार एवं संरक्षण लाभान्वित होंगे डेढ़ हजार वनवासी परिवार
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विद्युत राजस्व संग्रहण में 1832 करोड़ की वृद्धि इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू होने के बाद बढ़ी राजस्व वसूली
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राज्यपाल श्री टंडन ने प्रदेशवासियों को दी नव-वर्ष की शुभकामनाएँ
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धार | |
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने प्रदेशवासियों को नव-वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी है। राज्यपाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि नए वर्ष में सबके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और उल्लास समाहित हो। राज्यपाल ने कहा कि नए वर्ष में ऐसा सौहार्दपूर्ण और सद्भावमूलक सामाजिक वातावरण विकसित हो, जिससे राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति, सामाजिक समता और न्यायपरक विकास को पूरी शक्ति और गति मिल सके। राज्यपाल श्री टंडन ने मंगल-कामना की है कि नये वर्ष में मध्यप्रदेश सतत प्रगति-पथ पर आगे बढ़ता रहे। |
समय के साथ चलें "ब्लॉग" -
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एक माह में इंदिरा गृह ज्य़ोति योजना में दी 122.50 करोड़ की सब्सिडी (खुशियों की दास्ताँ) मप्रपक्षेविविकं के 32.40 लाख उपभोक्ताओं को मिली 1 रूपये यूनिट में बिजली
इन्दौर | |
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मालवा और निमाड़ के लगभग 32.40 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना में सस्ती यानि 1 रूपए यूनिट में प्रथम 100 यूनिट बिजली 100 रूपए में दी जा रही हैं। इस योजना के तहत पिछले एक माह में 122.50 करोड़ रूपए की सब्सिडी बिजली उपभोक्ताओं को दी गई। प्रत्येक घरेलू बिजली बिल में सब्सिडी एवं भुगतान योग्य राशि का स्पष्ट उल्लेख किया जा रहा हैं। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक श्री विकास नरवाल ने बताया कि इंदिरा गृह ज्योति योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को माह में 150 यूनिट तक खपत करने पर पहले 100 यूनिट बिजली 100 रूपए में प्रदान की जा रही हैं। इस योजना में 150 यूनिट 30 दिन के अंतराल से खपत वाले प्रत्येक घरेलू उपभोक्ता पात्र होते हैं। श्री नरवाल ने बताया कि गत एक माह के दौरान योजना में 32.40 लाख उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। इन्हें 122.50 करोड़ की सब्सिडी दी गई। जिन उपभोक्ता को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ मिल रहा हैं, उन्हें पीले रंग के बिल प्रदान किए जा रहे हैं। शेष को पूर्व की तरह सफेद रंग के कागज पर छपे बिल वितरित हो रहे हैं । श्री नरवाल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह के निर्देशन में इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जा रही हैं। हर पात्र उपभोक्ता को घरेलू उपयोग के लिए पहले 100 यूनिट तक बिजली मात्र 100 रूपए में प्रदान की जा रही हैं। बिजली कंपनी के सभी 15 जिलों में औसतन दो लाख से ज्यादा उपभोक्ता योजना का लाभ ले रहे हैं, सबसे ज्यादा इंदौर जिले में तो सबसे कम आगर जिले में उपभोक्ता हैं। श्री नरवाल ने बताया कि इंदिरा गृह ज्य़ोति योजना में लाभान्वित हुए अव्वल जिलों में सर्वाधिक इंदौर में 4.70 लाख उपभोक्ताओं को 16 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। इसके बाद उज्जैन में 2.97 लाख उपभोक्ताओं को 13.17 करोड़, धार में 3.25 लाख उपभोक्ताओं को 13 करोड़, खरगोन में 2.80 लाख उपभोक्ताओं को 10.23 करोड़, रतलाम में 2.30 लाख उपभोक्ताओं को 9.56 करोड़ और देवास में 2.34 लाख उपभोक्ताओं को 9.51 करोड़ की सब्सिडी दी गई। |
ग्रामों में सुदृढ अधोसंरचना से समृद्ध मानव विकास का लक्ष्य
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शिवपुरी | |
सदियों देश में सबसे महत्वपूर्ण ईकाई ग्राम ही रहा है। भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। हमारी 75 प्रतिशत आबादी या तो गाँव में ही निवास करती है या फिर ग्राम से सम्बन्धित है। हमारी अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। मध्यप्रदेश में ग्रामों को आर्थिक, सामाजिक, अधोसंरचना और स्वायत्ता के हिसाब से समृद्ध बनाने का काम किया गया है। देश में सर्वप्रथम पंचायतराज व्यवस्था को 73वें संविधान संशोधन विधि के माध्यम से ग्राम-पंचायतों को अपने विकास का कार्य स्वयं तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो देश के इतिहास में सदैव मील के पत्थर के रूप में याद की जाती रहेगी। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से पंचायतों को आर्थिक और अधिकारिता के दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि जब ग्राम समृद्ध होंगे तथा राज्य समृद्ध होगा। वर्तमान सरकार ने अपने पहले वार्षिक बजट में 25 हजार 15 करोड़ का प्रावधान ग्रामीण विकास और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किया है। वित्त वर्ष की तीन-तिमाई पूरी होते-होते ग्राम विकास का रोड़ मेप और सरकार की मंशा दोनो अपना साकार रूप लेने लगे है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामों को सशक्त अधोसरंचना प्रदान काने के साथ ही मानव विकास गतिविधियों को भी समान्तर तरजीह दी गई है। 'सड़के' विकास की रीढ़ है। सड़कों के माध्यम से ही विकास की रोशनी दूरस्थ अंचल तक पहुँच सकती है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 500 तक आबादी लगभग सभी ग्रामों को डामरीकृत सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है। गत एक वर्ष में 554 मार्ग पूर्ण कर, 3319 कि.मी. सड़कों का निर्माण कर 366 बासहटों को सम्पर्क सूत्र से जोड़ा गया है। ग्रामीण सार्थकता परियोजना के तहत 136 करोड़ रूपये के व्यय से 2752 कि.मी. डामरीकृत और सीमेन्ट कांक्रीट निर्माण भी पूर्ण किया गया है। राज्य वित्त पोषित अन्य योजनाओं से 670 कि.मी. मार्ग पूर्ण कर 580 ग्रामों को जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 प्रतिशत भागीदारी के साथ 2 लाख 72 हजार 889 रूपये के व्यय से 2,23,133 आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद 'स्वच्छ भारत मिशन' में पुनः सर्वे कराकर, 2012 में छूटे 3,06,098 आवासों को चिन्हित किया गया है। इनमें आवास बनाने का कार्य प्रगति पर है। अभी तक 219 करोड़ रूपये की राशि व्यय की जा चुकी है। प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए ग्राम में ही राज मिस्त्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी राज्य सरकार की अभिनव पहल है। प्रदेश में 19690 राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया, इनमें 9411 महिला राज मिस्त्री तैयार की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास में भुगतान की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। 'पंचायत दर्पण' पोर्टल के माध्यम से पंचायतों की भुगतान प्रक्रिया ऑन-लाईन की गई है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्वारा त्म्ैव्ॅडै, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सरल डेव्हलपमेंट विकसित की गई है। प्रदेश में रोजगार गतिविधियों के तहत मानव विकास बतिविधियों को प्रोत्साहित करने का काम भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। म.प्र. अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के 5 लाख 32 हजार परिवारों को 49 हजार 815 स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है। इनमें से 37 हजार 97 समूहों को 232 करोड़ के ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराये गये है। स्व-सहायता समूहों की रोजगार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग ने भोपाल हाट बाजार में 'सरस-मेलों' का आयोजन किया गया, आजीविका मिशन की महिला सदस्यों को नई-दिल्ली फूड कोर्ट में व्यंजनों की स्टाल लगाने का अवसर दिया गया। इसके साथ ही पंचायत राज संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए उनके अधिकारों में बढ़ोत्तरी, ग्राम स्तर पर जी.पी.डी.पी. (ळच्क्च्) तैयार कराना, ग्राम सभाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए 8 मार्च को 'सबला-सभाओं', 19 नवम्बर को प्रिय-दर्शिनी सभाओं का आयोजन प्रारम्भ किया गया है। आवासीय भू-खण्ड एवं आवास आवंटन महिलाओं के नाम करने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की गई है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मैदानी काम करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। इसी क्रम में ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की 66,492 शालाओं में भोजन बनाने के लिए शत-प्रतिशत शालाओं के रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए है। इससे पेड़ो (लकड़ी) की कटाई और धुएं से होने प्रदूषण को कम से कम करने में मदद मिलेगी। प्लास्टिक मुक्त भारत में मध्यप्रदेश की अभिनव पहल के तौर पर एम.पी.आर.आर.डी.ए. द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मटेरियल के माध्यम से साढ़े सात हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। इसमें 3650 मैट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किया गया है। जल-संसाधन एवं संवर्धन की गतिविधियाँ भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से लागू की गई है। इनमें नदी पुर्नजीवन के तहत 40 जिलों की 40 नदियों को पुर्नजीवित करने का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 953.41 करोड़ लागत के 56,193 कार्य हाथ में लिए गये है विभिन्न क्षेत्रों में 40.92 करोड़ से 4674 कार्य पूर्ण किए जा चुके है। साथ ही पानी के संकट का सामना कर रहे बुन्देलखण्ड अंचल को 10वीं शताब्दी तक के 'चंदेला-बुन्देला' तालाबों को पुनः रूद्धार कराने का कार्य भी प्राप्त किया गया है। हम कह सकते है ग्रामीण विकास के क्षेत्र में 'हम लक्ष्य तक पहुँचे भले ही न हो' लेकर प्रस्थान तो अवश्य है। |
जन-सुनवाई में 80 आवेदक पहुँचे अपनी समस्यायें लेकर तेज सर्दी को देखते हुए बुजुर्ग आवेदकों को ओढ़ाए कंबल, छात्रा स्वाति रावत को साईकिल एवं यूनुस को मिली सिलाई मशीन
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मरीजों की सुविधा हेतु ब्लड सेंपल के लिये खोले जायें कलेक्शन सेंटर – विधायक श्री गोयल विधायक ने किया जयारोग्य अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण
ग्वालियर | |
क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने आज जयारोग्य अस्पताल, न्यूरोलोजी का निरीक्षण किया इसके बाद मेडिकल कॉलेज में डीन डा. सरोज कोठारी एवं अधीक्षक डा. अशोक मिश्रा के साथ बैठक कर निर्देश प्रदान किये। सेन्ट्रल पेथोलोजी में मरीज परेशान हो रहे हैं, इसे दूर करने के लिये विधायक ने यह सुझाव दिया कि वहां पर आने वाले सभी मरीजों के लिये ब्लड सेंपल कलेक्ट करने के लिये कलेक्शन सेंटर बनाया जाये। यह सेंटर कमलाराजा अस्पताल, न्यूरोलोजी, जयारोग्य अस्पताल, कार्डियोलोजी, आई.सी.यू एवं ट्रोमा सेंटर में बनाया जायेगा। ब्लड की जांच के सेंपल मरीजों से लेकर कलेक्शन सेंटर में जमा होगा और सभी कलेक्शन सेंटर से सेंपल को कलेक्ट करके जे.ए.एच के द्वारा उपलब्ध गाड़ी से यह सेंपल सेंट्रल पेथोलोजी लेब में पहुंचाया जायेगा और उसी तरह से प्राप्त की गई जांच रिपोर्टों को कलेक्शन सेंटर को भेजा जायेगा ताकि मरीजों को सेंट्रल पेथोलोजी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहां पर व्यवस्थाओं में सुघार होगा एवं नये वर्ष में मरीजों को सुविधा होगी। इस प्रस्ताव पर मेडिकल कॉलेज के डीन एवं अधीक्षक तथा पेथोलोजी के विभागाध्यक्ष डॉ. के.एस. मंगल के द्वारा इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। आरएफआईडी सिस्टम के द्वारा अस्पताल में जो पार्किंग उपलब्ध कराई जा रही है उसके बारे में विधायक श्री गोयल ने यह निर्देश दिये कि प्रवेश द्वार पर किसी से भी कोई शुल्क न लिया जाये। कमलाराजा एवं जयारोग्य अस्पताल में पार्किंग के लिये स्थान चिन्हित कर वहां आर.एफ.आई.डी सिस्टम लगाया जाये। इसके संबंध में अधीक्षक डा. मिश्रा ने अपनी सहमति प्रदान की। बैठक में अधीक्षक डा. मिश्रा द्वारा विधायक से पांच ई-रिक्शा जयारोग्य अस्पताल को देने की मांग की गई जिसमें विधायक श्री गोयल ने विधायक निधि से अपनी स्वीकृति प्रदान की। विधायक के द्वारा यह निर्देश दिये गये कि वहां काम करने वाले हाउसकीपिंग एवं सिक्योरिटी के लोगों को वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर दिया जाये। इस पर सभी उपस्थित अधिकारियों ने अपनी सहमति प्रदान की। बैठक में जयारोग्य अधीक्षक डा. मिश्रा द्वारा कड़कड़ाती ठंड में मरीजों के लिये गरम हवा के 30 ब्लोअर देने की बात कही गई। जिसमें विधायक ने शीघ्र ही सामाजिक संस्थाओं से ब्लोअर जयारोग्य अस्पताल को उपलब्ध कराने की घोषणा की। बैठक में उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ता प्रमोद पाण्डे ने स्वयं की निधि से 10 ब्लोअर देने की स्वीकृति प्रदान की। दौरे में विधायक श्री गोयल अधीक्षक कार्यालय के बाहर मरीजों के अटेण्डरों के लिये लगे हुए टीनशेड स्थल पर पहुंचे वह टीनशेड पूर्ण रूप से जीर्ण शीर्ण स्थिति में था। श्री गोयल ने मौके पर नवीन टीनशेड लगाये जाने तथा रिक्त पड़ी भूमि पर भी नवीन टीनषेड लगाये जाने तथा कच्ची जमीन पर मरीज व अटेण्डरों की सुविधा के लिये इन्टर लोकिंग टाईल्स लगाये जाने के निर्देश प्रदान किये । जयारोग्य अस्पताल के दौरे में मरीजों के अटेण्डरों ने कहा कि इस कड़कड़ाती ठंड में उन्हें बेहद परेशानी हो रही है। प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की जाए। श्री गोयल ने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अस्पताल परिसर में अलाव लगाने के निर्देश प्रदान किये। कार्यकर्ताओं ने आज से ही जयारोग्य में अलाव की व्यवस्था कर दी है। बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि ट्रोमा सेंटर में जगह की कमी के कारण मरीजों को बेहद परेशानी हो रही है। विधायक श्री गोयल ने मेडिकल कालेज के डीन को ट्रोमा सेंटर के उपर नया हाल बनवाने हेतु पी.डब्ल्यू डी को प्रस्ताव पहुंचाकर इस्टीमेट बनाने के निर्देश प्रदान किये। इस दौरे एवं बैठक में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष बंटी बघेल, प्रमोद पाण्डे, सुरेन्द्र सिंह यादव, मोहन सिंह, शरद यादव, मनोज शर्मा, अर्जुन यादव, करन साहू अनूप षिवहरे, अनिल कौषिक सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी उपस्थित थे। |
मरीजों की सुविधा हेतु ब्लड सेंपल के लिये खोले जायें कलेक्शन सेंटर – विधायक श्री गोयल विधायक ने किया जयारोग्य अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण
ग्वालियर | |
क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने आज जयारोग्य अस्पताल, न्यूरोलोजी का निरीक्षण किया इसके बाद मेडिकल कॉलेज में डीन डा. सरोज कोठारी एवं अधीक्षक डा. अशोक मिश्रा के साथ बैठक कर निर्देश प्रदान किये। सेन्ट्रल पेथोलोजी में मरीज परेशान हो रहे हैं, इसे दूर करने के लिये विधायक ने यह सुझाव दिया कि वहां पर आने वाले सभी मरीजों के लिये ब्लड सेंपल कलेक्ट करने के लिये कलेक्शन सेंटर बनाया जाये। यह सेंटर कमलाराजा अस्पताल, न्यूरोलोजी, जयारोग्य अस्पताल, कार्डियोलोजी, आई.सी.यू एवं ट्रोमा सेंटर में बनाया जायेगा। ब्लड की जांच के सेंपल मरीजों से लेकर कलेक्शन सेंटर में जमा होगा और सभी कलेक्शन सेंटर से सेंपल को कलेक्ट करके जे.ए.एच के द्वारा उपलब्ध गाड़ी से यह सेंपल सेंट्रल पेथोलोजी लेब में पहुंचाया जायेगा और उसी तरह से प्राप्त की गई जांच रिपोर्टों को कलेक्शन सेंटर को भेजा जायेगा ताकि मरीजों को सेंट्रल पेथोलोजी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहां पर व्यवस्थाओं में सुघार होगा एवं नये वर्ष में मरीजों को सुविधा होगी। इस प्रस्ताव पर मेडिकल कॉलेज के डीन एवं अधीक्षक तथा पेथोलोजी के विभागाध्यक्ष डॉ. के.एस. मंगल के द्वारा इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। आरएफआईडी सिस्टम के द्वारा अस्पताल में जो पार्किंग उपलब्ध कराई जा रही है उसके बारे में विधायक श्री गोयल ने यह निर्देश दिये कि प्रवेश द्वार पर किसी से भी कोई शुल्क न लिया जाये। कमलाराजा एवं जयारोग्य अस्पताल में पार्किंग के लिये स्थान चिन्हित कर वहां आर.एफ.आई.डी सिस्टम लगाया जाये। इसके संबंध में अधीक्षक डा. मिश्रा ने अपनी सहमति प्रदान की। बैठक में अधीक्षक डा. मिश्रा द्वारा विधायक से पांच ई-रिक्शा जयारोग्य अस्पताल को देने की मांग की गई जिसमें विधायक श्री गोयल ने विधायक निधि से अपनी स्वीकृति प्रदान की। विधायक के द्वारा यह निर्देश दिये गये कि वहां काम करने वाले हाउसकीपिंग एवं सिक्योरिटी के लोगों को वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर दिया जाये। इस पर सभी उपस्थित अधिकारियों ने अपनी सहमति प्रदान की। बैठक में जयारोग्य अधीक्षक डा. मिश्रा द्वारा कड़कड़ाती ठंड में मरीजों के लिये गरम हवा के 30 ब्लोअर देने की बात कही गई। जिसमें विधायक ने शीघ्र ही सामाजिक संस्थाओं से ब्लोअर जयारोग्य अस्पताल को उपलब्ध कराने की घोषणा की। बैठक में उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ता प्रमोद पाण्डे ने स्वयं की निधि से 10 ब्लोअर देने की स्वीकृति प्रदान की। दौरे में विधायक श्री गोयल अधीक्षक कार्यालय के बाहर मरीजों के अटेण्डरों के लिये लगे हुए टीनशेड स्थल पर पहुंचे वह टीनशेड पूर्ण रूप से जीर्ण शीर्ण स्थिति में था। श्री गोयल ने मौके पर नवीन टीनशेड लगाये जाने तथा रिक्त पड़ी भूमि पर भी नवीन टीनषेड लगाये जाने तथा कच्ची जमीन पर मरीज व अटेण्डरों की सुविधा के लिये इन्टर लोकिंग टाईल्स लगाये जाने के निर्देश प्रदान किये । जयारोग्य अस्पताल के दौरे में मरीजों के अटेण्डरों ने कहा कि इस कड़कड़ाती ठंड में उन्हें बेहद परेशानी हो रही है। प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की जाए। श्री गोयल ने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अस्पताल परिसर में अलाव लगाने के निर्देश प्रदान किये। कार्यकर्ताओं ने आज से ही जयारोग्य में अलाव की व्यवस्था कर दी है। बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि ट्रोमा सेंटर में जगह की कमी के कारण मरीजों को बेहद परेशानी हो रही है। विधायक श्री गोयल ने मेडिकल कालेज के डीन को ट्रोमा सेंटर के उपर नया हाल बनवाने हेतु पी.डब्ल्यू डी को प्रस्ताव पहुंचाकर इस्टीमेट बनाने के निर्देश प्रदान किये। इस दौरे एवं बैठक में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष बंटी बघेल, प्रमोद पाण्डे, सुरेन्द्र सिंह यादव, मोहन सिंह, शरद यादव, मनोज शर्मा, अर्जुन यादव, करन साहू अनूप षिवहरे, अनिल कौषिक सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी उपस्थित थे। |
सीएम हेल्पलाइन को गंभीरता से न लेने पर तीन जनपद सीईओ को मिला नोटिस
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ग्वालियर | |
राज्य सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम सीएम हैल्पलाइन में प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण में रूचि न लेने एवं संतुष्टिपूर्ण निराकरण न करने के आरोप में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने जिले की तीन जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर तीन दिवस के अंदर लिखित में उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। जारी कारण बताओ सूचना पत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डबरा श्री कुलदीप श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत घाटीगांव श्री हरज्ञान सिंह किरार और जनपद पंचायत मुरार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शैलेन्द्र यादव शामिल हैं। |
सीएम हेल्पलाइन को गंभीरता से न लेने पर तीन जनपद सीईओ को मिला नोटिस
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ग्वालियर | |
राज्य सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम सीएम हैल्पलाइन में प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण में रूचि न लेने एवं संतुष्टिपूर्ण निराकरण न करने के आरोप में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने जिले की तीन जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर तीन दिवस के अंदर लिखित में उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। जारी कारण बताओ सूचना पत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डबरा श्री कुलदीप श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत घाटीगांव श्री हरज्ञान सिंह किरार और जनपद पंचायत मुरार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शैलेन्द्र यादव शामिल हैं। |
7 निजी अस्पतालों के पंजीयन एवं लायसेंस निलंबित
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ग्वालियर | |
जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच दल ने जिले में संचालित निजी नर्सिंग होमों एवं चिकित्सालयों का मंगलवार को आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अनियमिततायें पाई जाने पर 7 निजी नर्सिंग होम एवं निजी चिकित्सालयों के पंजीयन एवं लायसेंस एक माह के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई चिकित्सा शिक्षा माफिया अभियान के तहत की गई है। साथ ही उक्त चिकित्सालयों के विरूद्ध रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल भोपाल को नियमानुसार कार्रवाई किए जाने हेतु पत्र भेजा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना ने बताया कि जिले में संचालित निजी नर्सिंग होम एवं निजी चिकित्सालयों का निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की अनियमिततायें पाए जाने पर पाँच निजी नर्सिंग होम एवं निजी चिकित्सालयों के पंजीयन एवं लायसेंस एक माह के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। जिनमें सिटी हॉस्पिटल नया बाजार, श्रीमती आशादेवी मेमोरियल हॉस्पिटल लालघाटी स्टोनपार्क के पास मोतीझील, एसएसआईएमएस हॉस्पिटल शिवपुरी लिंक रोड़, बालाजी मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल केदारपुर शिवपुरी लिंक रोड़, प्रखर हॉस्पिटल बरौआ, प्राशी हॉस्पिटल ग्राम व पोस्ट बरौआ एवं एन के मेमोरियल हॉस्पिटल एक्सप्रेस-वे करगवां रोड़ ग्वालियर शामिल हैं। |
जनसुनवाई में कलेक्टर ने सुनीं नागरिकों की समस्याएं
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अ.जा. वर्ग के 16 उत्पीड़ित व्यक्तियों को सवा चौदह लाख की राहत राशि मंजूर
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नेहरु युवा केन्द्र द्वारा कराया गया जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन
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सीहोर | |
2019 के अंतिम दिन नेहरू युवा केंद्र सीहोर(म.प्र) द्वारा खेल परिसर मैदान में नसरुल्लागंज सीहोर जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सीहोर जिले के 200 करीब युवाओं ने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लिया। खेलों के दौरान बालक वर्ग एवं बालिका वर्ग के बीच वॉलीबॉल, 200 मीटर दौड़, 400 मीटर दौड़, कबड्डी एवं शॉटपुट जैसे खेलों आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नेहरू युवा केन्द्र समन्वयक सुश्री निककी राठौर के द्वारा युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की फ़ोटो के समक्ष माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पंचायत विधायक प्रतिनिधि श्री राजेश लखेरा उपस्थित थे। श्री लखेरा ने बताया कि प्रतिदिन व्यायाम करने से शरीर स्वास्थ रहता हैं एवं ऐशे खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेकर आज हम अपना नगर एवं माता-पिता का नाम भी ऊंचा कर सकते हैं और एक दिन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जा सकते हैं, अभयास करते रहना चाहिए। 200 मीटर दौड़ में साक्षी (इछवार) प्रथम, मोनिका (नसरुल्लागंज) द्वितीय , रूपेश जलोदिया (इछवर) प्रथम एवं अजय बारेला (नसरुल्लागंज) द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर में साक्षी (इछवर) प्रथम, अंकिता (नसरुल्लागंज) द्वितीय , अभिषेक वर्मा (आष्टा) प्रथम एवं हिरदेश वर्मा (इछवार) द्वितीय स्थान प्राप्त किया । गोला फेक में महक अली (नसरुल्लागंज) प्रथम, साक्षी जाट (नसरुल्लागंज) द्वितीय एवं नितिन (नसरुल्लागंज) प्रथम, कुणाल (नसरुल्लागंज) द्वितीय स्थान प्राप्त किया। टीम गमे में वॉलीबॉल बालिका विजेता : देव माता स्कूल नसरुल्लागंज, वॉलीबाल बालिका उपविजेता : भारती विद्या मंदिर स्कूल नसरुल्लागंज, वॉलीबॉल बालक विजेता इछवार, वॉलीबॉल बालक विजेता : देव माता स्कूल नसरुल्लागंज, कबड्डी बालिका विजेता : गांधी व्यायाम शाला नसरुल्लागंज, कबड्डी बालिका उपविजेता : देव माता स्कूल नसरुल्लागंज, कबड्डी बालक विजेता : विद्यार्थी एंड केअर क्लब A नसरुल्लागंज, कबड्डी बालक उपविजेता : विद्यार्थी एंड केअर क्लब B नसरुल्लागंज स्थान प्राप्त किया गया । इस अवसर पर मंगल सिंह कुशवाह नेशनल युथ वालंटियर मधु मालवीय, सद्दाम खान, नसरुल्लागंज स्पोर्ट्स ऑफिसियल सुनील जी पंवार, प्रबल जी अग्रवाल, सतीश जी यादव, सतीश चंद्र जी लारा, नरेंद्र जी चौहान, पवन जी मालवीय, नीलेश जी पंवार, खेल मंडल अध्यक्ष रजत मालवीय, उपाध्यक्ष मनीष मांझी, सचिव योगेश साहू, सह सचिव सुमित परिहार, सांस्कृतिक मंडल अध्यक्ष रवि पंवार, उपाध्यक्ष अंकिता विश्वकर्मा, श्री सुरेश मालवीय आदि उपस्थित थे। |
युवाओं में शिक्षा और व्यक्तित्व विकास "विशेष लेख"
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