अवैध शराब को लेकर खण्डवा का आबकारी विभाग सवालों के घेरे में !
खण्डवा, संजय चौबे । जिले में अवैध शराब का कारोबार जहाँ एक ओर दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से फलफूल रहा है वहीं दूसरी ओर भारी भरकम आबकारी विभाग का अमला हरकत में नहीं आया है । जिला प्रशासन को बड़ी तादात में मिल रही अवैध शराब के काले कारोबार की शिकायतों के बाद एस पी डॉ शिव दयाल सिंह की लीडरशिप में आखिर पुलिस ने कमर कसी और तेजी से इनकी धरपकड़ शुरू की गई । एस पी के सख्त तेवर से जिले के सभी थाना क्षेत्रों में अवैध शराब के कारोबारियों पर नकेल कसने की कवायदें तेज हो गई । पुलिस को प्रारंभ तौर पर अवैध शराब के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में सफलताएं भी मिल रही है । इसके चलते अवैध शराब के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है ।
जिले में भारी भरकम आबकारी अमला पदस्थ है जिसकी जिम्मेदारी है कि जिले में अवैध शराब न बिके , राजस्व की किसी भी प्रकार से चोरी न हो , जिले की शराब दुकानें शासन की गाइड के अनुरूप संचालित हो । आबकारी विभाग लगातार बैठकें कर रहा है , आला अधिकारी भी उसे इंदौर और ग्वालियर से दिशा निर्देश जारी कर रहे है । बावजूद इसके आबकारी विभाग ने अवैध शराब के कारोबारियों के क्या रणनीति बनाई है न तो इसका खुलासा किया है और न ही जमीन पर विभाग की कोई कार्रवाई नजर आ रही है । आबकारी विभाग के अफसरों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं । इतना ही नहीं मुखबिर भी आबकारी अफसरों की कथित संदिग्ध कार्यशैली के चलते तौबा कर रहे हैं । उनका सवाल यह है कि उनकी सूचना विभाग को देने के बाद कार्रवाई के पहले संबंधित कारोबारियों तक कैसे पहुच रही है ? लगातार लीक हो रही सूचना से मुखबिर खुद ही संकट में आ गए है । उन्हें अवैध शराब कारोबारियों की प्रताड़ना का खतरा बना रहता है । शासन के स्पष्ट निर्देश है कि मुखबिर का नाम गुप्त रखा जाएगा फिर कैसे सूचनाएं लीक हो रही हैं ? पुलिस को मिल रही सफलता से जन मानस में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ रहा है जबकि आबकारी विभाग को लोग सवालिया कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ।