सोमवार, 25 नवंबर 2019

देश के सबसे युवा न्यायाधीश ने सोशल मीडिया का कभी नहीं किया इस्तेमाल

 


देश के सबसे युवा न्यायाधीश ने सोशल मीडिया का कभी नहीं किया इस्तेमाल


राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा सिर्फ 21 साल की उम्र में उत्तीर्ण कर भारत के सबसे युवा न्यायाधीश बने मयंक प्रताप सिंह न तो किसी कोचिंग में गए और न ही उन्होंने कभी फेसबुक या व्हाट्सएप का उपयोग किया। मयंक ने कहा, "मैं लगातार 6-8 घंटे पढ़ाई करता रहा हूं, और कभी-कभी मैंने 12 घंटे तक भी पढ़ाई की है।"


मयंक ने कानून का पांच साल का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए। उन्होंने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा, "मैंने कानून की पढ़ाई के अंतिम वर्ष में यह परीक्षा दी और इसमें टॉप किया। मुझे परीक्षा उत्तीर्ण करने की उम्मीद थी, लेकिन टॉप करने के बारे में कभी नहीं सोचा था।"


युवा जज इस परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु 23 से घटाकर 21 करने के सरकार के निर्णय से खुश हैं।उन्होंने कहा, "आयु कम होने की जानकारी मिलते ही मैंने इस परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया।"अपनी सफलता का श्रेय वह अपनी पढ़ाई को देते हैं।उन्होंने कहा, "मैंने अपना सारा समय पढ़ाई में लगा दिया, जिसके कारण मैं परीक्षा उत्तीर्ण कर सका और टॉप कर सका। कॉलेज की पढ़ाई से बहुत मदद मिली।"


उन्होंने कहा, "मैंने जीवन में कभी फेसबुक अकाउंट नहीं बनाया, और परीक्षा के दौरान मैंने अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स भी डिएक्टिवेट कर दिए। मैं इंटरनेट का उपयोग सिर्फ कानून से संबंधित नई जानकारियां लेने, सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के कुछ नए और रोचक निर्णयों के बारे में जानने के लिए करता था।"उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया से गायब रहने और व्हाट्सएप, फेसबुक नहीं चलाने के कारण मेरे कई दोस्तों ने मेरा मजाक बनाया। हालांकि समय के साथ वे इसके आदी हो गए।"


मयंक कहते हैं कि वे अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह फोकस्ड थे और लोगों से मिलने-जुलने से भी बचते थे।


उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ वहीं जाता था, जहा मेरे लिए जरूरी हो।"


न्याय विभाग चुनने का कारण जानने पर उन्होंने कहा, "मैंने लोगों को न्यायपालिका पर विश्वास करते देखा है। उन्हें न्याय पाने के लिए इधर-उधर भागते देखा है, इसलिए मैंने इसमें अपना करियर चुना।" मयंक के पिता राजकुमार सिंह एक सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य हैं और उनकी मां भी एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं।उनके पिता कहते हैं कि वह (मयंक) बचपन से ही बहुत मेहनती है और हमेशा स्कूल में टॉप आया है।


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