प्रदेश में युवाओं को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने के लिये पिछले एक साल में नित नये नवाचार हुए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के जरिये युवाओं को रोजगारोन्मुखी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में ग्लोबल स्किल्स पार्क का एक अंश सिटी कैंपस के रूप में गोविंदपुरा, भोपाल में स्थापित किया गया। इस कैम्पस में प्रदेश के आईटीआई, पॉलीटेक्निक तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रिसीजन इंजीनियरिंग के एक वर्षीय कोर्स में प्रवेश दिया जा रहा है। इस कैम्पस में प्रतिवर्ष 240 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वर्तमान में 15 जुलाई 2019 से एक वर्षीय एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रिसीजन इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इसमें अभी 82 विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
ड्यूअल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग योजना में अगस्त 2019 से प्रारंभ होने वाले प्रशिक्षण सत्र में प्रदेश की लगभग 91 यूनिटों में कुल 1884 सीटों पर प्रवेश के लिये इण्डस्ट्री पार्टनर्स के साथ एमओयू किये गये हैं। प्रदेश में 97 कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव की गई। इनमें विभिन्न कंपनियों द्वारा 2059 आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों का प्राथमिक चयन किया गया। साथ ही, 198 आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों द्वारा स्वयं के रोजगार की स्थापना के लिए विभिन्न विभागों को ऋण प्रकरण प्रस्तुत किए गए हैं।
पिछले 7 महिनों में राष्ट्रीय शिशुता प्रोत्साहन योजना में 3,592 शिक्षुता को प्रशिक्षण दिलाया गया है। अप्रेन्टिसशिप पोर्टल पर 750 प्रतिष्ठानों का पंजीयन भी दिलाया गया और लगभग 10 हजार शिक्षु पंजीकृत हुए।
शासकीय एवं निजी आईटीआई में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश में अब तक 139 एनसीवीटी से संबंधित शासकीय आईटीआई एवं 844 निजी आईटीआई द्वारा सेल्फ ग्रेडिंग एनसीवीटी एमआईएस पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है। स्किल स्ट्रेन्थिनिंग फॉर इण्डस्ट्रीयल वेल्यू एन्हेंसमेंट (स्ट्राईव) योजना में प्रदेश की 8 शासकीय आईटीआई का चयन हुआ है। इन शासकीय आईटीआई को प्रशिक्षण गुणवत्ता तथा इण्डस्ट्री लिंकेज बढ़ाने के लिये डेढ़ करोड़ की राशि प्रति आईटीआई दी जाएगी। साथ ही, प्रदेश में इण्डस्ट्री एप्रेन्टिसशिप इनीशिएटिव में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज इंदौर के प्रस्ताव को भारत सरकार ने स्वीकृत किया है।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना में लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण के लिये पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ओला स्किलिंग प्रायवेट लिमिटेड से 7 मार्च 2019 को अनुबंध किया गया। प्रथम बैच में उत्तीर्ण होने वाले 24 छात्रों को 14 जून 2019 को व्हीकल दी गई। इसमें प्रति प्रशिक्षणार्थी प्रति माह पन्द्रह हजार रुपये की आय संभावित है। द्वितीय बैच के प्रशिक्षणार्थियों को भी ओला वाहन दिये जा चुके हैं। तृतीय बैच का प्रशिक्षण चल रहा है।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर में लघु अवधि पाठ्यक्रम में कौशल प्रशिक्षण के प्रथम चरण में छैफथ् पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण के लिये शासकीय आईटीआई पटेरा जिला दमोह, शासकीय आईटीआई लटेरी जिला विदिशा, शासकीय आईटीआई राजपुर जिला बड़वानी एवं शासकीय आईटीआई सिंगरौली जिला सिंगरौली चिन्हित की गई हैं। एक माह का प्रशिक्षण संबंधित आईटीआई में और शेष प्रशिक्षण एल. एण्ड टी. के हैदराबाद स्थित इंस्टीट्यूट में होगा। प्रशिक्षित सभी छात्रों के नियोजन की जिम्मेदारी एल. एण्ड.टी. की होगी।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में 14 जिलों में 7 प्रशिक्षण प्रदाताओं को मेगा स्किल सेंटर स्थापित करने के लिए चयनित किया गया है। यह सेंटर न्यूनतम 25 हजार वर्ग फीट के होंगे। इसमें केपिटल इंटेंसिव पाठ्यक्रम में प्रतिवर्ष प्रति केन्द्र तीन से पाँच हजार प्रशिक्षणार्थियों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा।
नगरीय क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को 100 दिन रोजगार के साथ कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिये फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की गई है। इसमें कौशल प्रशिक्षण की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की और रोजगार प्रदाय करने की जिम्मेदारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग की है। आज की स्थिति में योजना में कुल 29 हजार 802 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस योजना में प्रशिक्षण के लिये इस वित्त वर्ष में180 करोड़ का प्रावधान है।
राज्य कौशल विकास मिशन के सुदृढीकरण के लिये केन्द्र शासन द्वारा वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 6 वर्ष के लिये संकल्प योजना लागू की गई है। इस योजना में आई.आई.एम. इंदौर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, एनआईटीटीटीआर भोपाल, नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल तथा क्रिस्प में प्रशिक्षण आयोजित किए गए।
स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, जबलपुर के सिविल तथा इलेक्ट्रिकल संकाय स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, उज्जैन के सिविल संकाय, स्वशासी सरदार वल्लभ भाई पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल के मैकेनिकल तथा इलेक्ट्रिकल संकाय, शासकीय महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल के आर्किटेक्चर तथा कम्प्यूटर साइंस के साथ अनुदान प्राप्त एसजीएसआईटीएस इंदौर, एमआईटीएस ग्वालियर तथा एसएटीआई विदिशा के विभिन्न संकायों को भी एन.बी.ए. एक्रीडिएशन प्राप्त हो गया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा, इंटरनेट सेवा, अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन अथवा वायरलेस आधारित वाइस अथवा डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधोसंरचना की स्थापना के लिये अब कंपनियाँ ऑनलाइन आवेदन कर जिला कलेक्टर से भूमि उपयोग का लायसेंस प्राप्त कर सकती हैं।
प्रदेश में AI/ML और IoT जैसी नवीन तकनीकों का उपयोग कर बेहतर तरीके से शासकीय सेवाएँ देने के लिए NASSCOM के साथ एमओयू किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईटी पालिसी में संशोधन कर इसे अधिक आकर्षित बनाया गया है। प्रदेश में नये डाटा सेन्टर की स्थापना में सहयोग देने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी निवेश पोत्साहन नीति-2016 में संशोधन किया गया है। डाटा सेन्टर क्षेत्र में नवीन निवेश को आकर्षित करने के लिये भूमि-बैंक बनाये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मेप-आई.टी. के सहयोग से विभिन्न विभागों के इन्टरनल वर्कफ्लो एवं कम्प्यूटरीकरण का कार्य प्रगति पर है। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्लपमेंट कार्पोरेशन द्वारा स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन एवं प्रभावी लागत तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। एप्लीकेशन को क्लाउड होस्टिंग पर रखना आदि जैसे कार्य से आई.टी. में मध्यप्रदेश निरन्तर आगे बढ़ रहा है।