आरबीएसके कार्यक्रम से मिली नन्ही रिदीमा को दिल की धड़कनें (खुशियों की दास्तां) |
हृदय में छेद से ग्रसित थी डेढ़ वर्ष की नन्हीं रिदीमा |
अलिराजपुर | |
माता-पिता मजदूरी करके जैसे तैसे परिवार का पालन पोषण करते हो ओर ऐसे में मालूम पडे की घर में जिस बच्चे की किलकारी गूंज रही है वह जन्म से हृदय में छेद के रोग से पीड़ित है। ऐसे में उस परिवार की तो पैरो तले जमीन खसक जाएगी। मानो उस परिवार के मुखिया पर तो एकाएक दुखों का पहाड टूट पडेगा, लेकिन ऐसे में सरकार की कोई योजना से बच्चे का इलाज हो और बच्चे का जीवनदान मिले तो परिवार में खुशियां लौट आएंगी। ऐसा ही कुछ ग्राम मोटा उमर निवासी वेस्ता कनेश की डेढ़ वर्षीय बेटी रिदीमा के साथ हुआ। नन्हीं रिदीमा जन्मजात हृदय में छेद की बिमारी से पीडित थी। जिसके कारण वह आए दिन बिमार रहती थी, बालिका को आंखों के नीचे काले घेरे, नाखूनों का रंग नीला होने तथा आए दिन बीमार होने से उसके माता पिता उसे अस्पताल में दिखाने ले गए। जहां प्रारंभिक स्वास्थ्य संबंधित लक्षणों को देखते हुए आरबीएसके टीम की डॉ. निर्मला निगवाल द्वारा उक्त बालिका की स्क्रीनिंग की गई। उक्त बालिका को इलाज के लिए इन्दौर भेंजा गया, जहां चिकित्सकों ने नन्हीं रिदीमा के हृदय में छेद होने की बात बताई, जिसे सुन नन्हीं बच्ची के माता-पिता तो सुदबुध खो बैठे। चिकित्सकों के दल ने बच्ची का आपरेशन होने के बाद उसके स्वस्थ्य होने की बात बताई, जिसके बाद रिदीमा के माता-पिता को विश्वास हुआ और बच्चे के स्वस्थ्य होने की आस बंधी लेकिन नन्हीं रिदीमा का वजन कम होने के कारण इन्दौर में आपरेशन संभव नहीं हुआ। इन्दौर से नन्हीं रिदीमा को एसआरसीसी होस्पीटल मुम्बई रैफर किया गया। जहां रिदीमा का आपरेशन हुआ। आज रिदीमा पूरी तरह से स्वस्थ्य है। आरबीएसके कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार की अस्पताल सूची में मुंबई का उक्त अस्पताल संलग्नीकृत होने से नन्हीं रिदीमा के आपरेशन में डेढ लाख रूपये खर्च हुआ। उक्त खर्च राज्य सरकार ने योजनान्तर्गत वहन किया। नन्हीं रिदीमा के पिता वेस्ता बताते है बेटी की बिमारी सुन तो हमारा हाल बुरा हो गया था लेकिन आरबीएसके टीम ने हमें सही मार्गदर्षन और स्वास्थ्य जांच के माध्यम से बच्ची का सफल आपरेशन कराया। मेरी बेटी स्वस्थ है। हम खुश है कि हमारे आंगन में मेरी बेटी की किलकारी गुंज रही है। इस संबंध में आरबीएसके जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक अलीराजपुर श्रीमती आरती तिवारी ने बताया रिदीमा का स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान प्रारंभिक लक्षणों अनुसार उसके हृदय में छेद की बिमारी चिन्हांकित की गई। उक्त बालिका को इंदौर रैफर किया गया, वहां से उसे मुम्बई आपरेशन हेतु भेजा गया। बाल हृदय योजना के तहत रिदीमा का आपरेशन हुआ। उक्त आपरेशन के बाद रिदीमा स्वस्थ्य है। उन्होंने बताया उक्त योजना के तहत इस प्रकार की बिमारी का इलाज संभव है। |
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019
आरबीएसके कार्यक्रम से मिली नन्ही रिदीमा को दिल की धड़कनें (खुशियों की दास्तां) हृदय में छेद से ग्रसित थी डेढ़ वर्ष की नन्हीं रिदीमा
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