सोमवार, 30 दिसंबर 2019

अनुपयोगी सामग्री से ग्वालियर में बन रहे हैं पेवर ब्लॉक्स एवं ब्रिक्स "खुशियों की दास्तां" -

 
ग्वालियर | 


 

 

 


    अनुपयोगी सामग्री का पुन: उपयोग करने का प्रयोग ग्वालियर में शुरू किया गया है। पुराने मकानों को गिराकर नए मकान बनाते समय निकलने वाली सामग्री का उपयोग किया जाकर बेहतर पेवर ब्लॉक्स, ब्रिक्स का निर्माण कर शहर विकास में उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए निगम ने एक प्लांट का भी निर्धारण कर कार्य प्रारंभ कर दिया है।
    भवन निर्माण सामग्री से निकलने वाले मटेरियल (सी एन डी बेस्ड) का पुर्नउपयोग करने के लिए नगर निगम ग्वालियर द्वारा मध्य प्रदेश सहित ही सम्भवतः देश का पहला ऐसा मॉडल तैयार किया गया है। जिसमें भवन निर्माण सामग्री से निकलने वाले मटेरियल से पेवर ब्लॉक ब्रिक्स, जीएसवी मटेरियल एवं ग्रेवल का निर्माण किया जा रहा है। यह पेवर ब्लॉक्स रंग बिरंगे रंगों के बनाए जाएंगे जो कि जहां भी लगेगें आकर्षण का केन्द्र बनेगें।    
    नगर निगम ग्वालियर द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2020 के तहत नवाचार की दिशा में एक और नया कदम उठाया गया है। जिसमें सीएनडी बेस्ड मटेरियल का पुर्नउपयोग कर पेवर ब्लॉक ब्रिक्स, जीएसवी मटेरियल एवं ग्रेवल का निर्माण किया जा रहा है, इससे सीएनडी बेस्ड मटेरियल का बेहतर डिस्पोजल किया जा सकेगा तथा शहर में गंदगी भी नहीं रहेगी। इस कचरे से बनने वाले उत्पाद शहर में होने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों में उपयोग लाये जा सकेगें।
    ग्वालियर शहर से लगभग 25 किमी दूर बिलौआ स्थित क्रेशर पर बने प्लांट संचालक से नगर निगम ग्वालियर द्वारा अनुबंध किया गया है। जिसके तहत निगम द्वारा सीएनडी बेस्ड मटेरियल उक्त प्लांट पर पहुंचाया जायेगा और प्लांट पर इस मटेरियल से विभिन्न उत्पाद बनाये जा रहे हैं। इसके लिए निगम में कार्य करने वाले ठेकेदारों को भी निर्देश दिये गए हैं कि निर्माण कार्य के लिए उक्त प्लांट से ही पेवर ब्लॉक ब्रिक्स, जीएसवी मटेरियल एवं ग्रेवल खरीदी जाये।




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