मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

बुरहानपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना दीदी के नेतृत्व में भाजपा ने ज्ञापन सौंपकर की मध्यप्रदेश में सिटीजन एक्ट लागू करने की मांग


बुरहानपुर।( मेहलका अंसारी ) भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन कानून को मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश में लागू नहीं किए जाने के विरोध में कलेक्टर कार्यालय पर धरना देकर मध्यप्रदेष के राज्यपाल श्री लालजी टंडन के नाम ज्ञापन सौंपकर इसे प्रदेष में लागू किए जाने की मांग की और कांग्रेस को खूब आड़े हाथ लिया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कांग्रेस का एक ही काम है, मां के दूध में दरार डालकर राजनीति करना, भाई-भाई को लड़ाकर राजनीति करना, देश के प्रति प्रेम अपनापन उसको कमजोर करना, जो अंग्रेज करते रहे है।



पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान की भावना के अनुरूप है। मध्यप्रदेष में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार नागरिकता संषोधन कानून लागू करने के बारे में कह रही है कि इसमें जो कांग्रेस का स्टैंड होगा वही मध्यप्रदेश सरकार फैसला लेगी। कमलनाथ जी कांग्रेस के कार्यकर्ता ही नहीं है वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है। मध्यप्रदेष में सिटीजन एक्ट लागू करना ही होगा। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि देश की संसद में नागरिकता संषोधन कानून को पास करने के बाद राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर अपनी मुहर लगाकर इसे कानून बनाया है। आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू भी हो गया है। अब चूंकि यह कानून संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत संघ की सूची में आता है, तो यह संशोधन सभी राज्यों पर लागू होता है। संविधान की 7वीं अनुसूची राज्यों और केंद्र के अधिकारों का वर्णन करती है, इसमें तीन सूचियां हैं- संघ, राज्य और समवर्ती सूची। नागरिकता संघ सूची के तहत आता है। लिहाजा इसे लेकर राज्य सरकारों के पास कोई अधिकार नहीं है। राज्य के पास ऐसा कोई भी अधिकार नहीं है कि वह केंद्र की सूची में आने वाले विषय 'नागरिकता' से जुड़ा कोई अपना फैसला कर सकें।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि नागरिकता संषोधन कानून का पुरे देश में स्वागत किया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस जैसे दल और कुछ ऐसी ताकतें जिनको देश का आगे बढ़ना, देश का सौहार्द, देश की मानवियता, देश की पुरानी जटिल और पीढि़यों से चले आ रही है उन समस्याओं को समाप्त नहीं करना चाहती है। जिसको लेकर वह इस कानून का विरोध कर रही है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जिस मुसलमान ने विभाजन के समय तय किया कि वह भारत का नागरिक बनकर रहना चाहता है। वह तो इस देश में सम्मान के साथ ही भारत मां को गोद में बैठा भारत मां का लाडला बेटा है। उसे और उसके परिवारर को इस कानून से आने से कोई दिक्कत नहीं होगी। साथ ही बाकि लोग भी जो भारत की नागरिकता लेना चाहते है उन लोगों को भी नागरिकता मिल सकती है, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता अन्य मौजूदा कानूनों के तहत मिल सकती है, भाजपा इसे नकार नहीं रही है।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि 1947 में भारत और पाकिस्तान का धार्मिक आधार पर विभाजन हुआ था। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का संविधान उन्हें विशिष्ट धार्मिक राज्य बनाता है। परिणामस्वरूप, इन देशों में हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई समुदायों के बहुत से लोग धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलते हैं। साल 1947 में भारत-पाक का बंटवारा धार्मिक आधार पर हुआ था। इसके बाद भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में कई धर्म के लोग रह रहे हैं। पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक काफी प्रताडि़त किए जाते हैं। अगर वे भारत में शरण लेना चाहते हैं तो हमें उनकी मदद करने की जरूरत है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि राज्यों और केंद्र से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उन्हें नागरिकता दी जाएगी. भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते हैं। नागरिकता संशोधन बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल करने का प्रावधान है।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि अल्पसंख्यकों को प्रताडि़त करने के लिए अफगानिस्तान में तालिबान ने एक खास व्यवस्था की थी। द गार्डियन की 2001 की खबर के मुताबिक हर हिंदू को अंगूठे जितना बड़ा एक पीला कपड़ा बैज की तरह इस्तेमाल करना होता था, ताकि उनकी पहचान हो सके। इतना ही नहीं, अपने घरों पर हर हिंदू को पीला झंडा भी लगाना होता था। हर हिंदू मर्द को एक ग्रे हैट भी पहनने की बात सामने आई। यानी भीड़ में कैसे अल्पसंख्यक अलग से ही दिखाई दे जाएं, तालिबान ने इसकी व्यवस्था कर दी थी। अलग दिखने की वजह से इन्हें प्रताडि़त करना और भी आसान होता था। अगर कोई अल्पसंख्यक बिना बैज के पकड़ा जाता जो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी व्यवस्था थी। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताडि़त धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने से संबंधित है। इन देशों में पिछले कई दशकों से हिन्दुओं, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी लोगों के साथ शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। इसलिए इन धर्मों के अनुयायी समय-समय परविस्थापित होकर भारत आते रहे हैं। तकनीकी तौर पर उनके पास भारत की नागरिकता हासिल करने का कोई ठोस दस्तावेज उपलब्ध नहीं होता है। एक भारतीय नागरिक को मिलने वाली सुविधाओं से वह वंचित ही रहे हैं।
इस दौरान पूर्व विधायक रामदास षिवहरे, मंजू दादू, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता, महापौर अनिल भोंसले, नगर निगमाध्यक्ष मनोज तारवाला, जगदीष कपूर, अतुल पटेल, दिलीप श्रॉफ, मुकेष शाह, मनोज लधवे, रतिलाल चिलात्रे, राजू षिवहरे, योगेष महाजन, वीरेन्द्र तिवारी, संभाजीराव सगरे, रूद्रेष्वर एंडोले, योगेष्वर पाटिल, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष हिदायतउल्ला, श्रीमती कविता सुभाष मोरे, विनोद पाटिल, संदीप मुंषी सहित सभी मंडलों के मंडलाध्यक्ष सहित पार्टी पदाधिकारियों, सभी मोर्चा के पदाधिकारी-कायकर्तागण मौजूद रहे।


 


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