*भगवानपुरा ।* आगामी माह में 3 मार्च से गूँजेगी वनाँचल में भोंगर्या हाट की गूंज ढोल की थाप पर थिरकेंगे वनाँचलवासी । सात दिनी चलने वाले इस भोंगर्या हाटबाजार को आदिवासी समुदाय के लोग बड़े उल्लास के साथ मनाते हे । समुदाय के लोग पारपंरिक वेशभूषा में सजकर भोंगर्या हाट में आते हे और बासुरी की धुन ढोल की थाप पर जमकर नाचते हुए आदिवासी संस्कृति की छठा बिखेरते हे । इस बार के भोंगर्या हाट चुनावी रंग दिखेगा क्योकि सरपंच उम्मीदवार जनपद प्रतिनिधि और जिला प्रतिनिधि उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाएंगे । त्रिस्तरीय चुनाव अप्रैल या मई में चुनाव हो सकते है ऐसे में भोंगर्या हाट उम्मीदवारों के लिए अपनी जीत सुनिश्चित करने का अच्छा अवसर रहेगा जो उम्मीदवार भोंगर्या हाट में अधिक वोटरों को अपनी और आकर्षित करेगा उसे ही चुनाव में फायदा मिलेगा ।
भोंगर्या हाट की तैयारियों को लेकर आदिवासी समुदाय के लोग 15 दिन पहले से तैयारियों में जुट जाते हे और अपने घरो की रंगाई पुताई करने के साथ साथ भोंगर्या हाट में ले जाने के लिए बैलगाड़ी को तैयार कर बेलों को सजाते हे आधुनिकता के इस दोर में भी आदिवासी समुदाय के लोगो को बेलगाड़ी पर सफर करने में बड़ा आनन्द आता है सोशल मीडिया के जमाने में भी भोंगर्या हाट का रंग लोकप्रियता के साथ बड़ रहा है ।
वही युवक युवतिया भी विशेष परिधानो में सजकर हाट का लुत्फ उठाते हे साथ ही खूब खरीदी भी करते है समुदाय के लोग भोंगर्या हाट में एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर खुशिया बाटते है । आदिवासी समुदाय के लिए भोंगर्या हाट उमंग मस्ती लोकसंस्कृति की छठा बिखेरने का उत्सव रहता है जिसमे वे अपनी मदमस्त जिंदगी में भोंगर्या हाट की ख़ुशी एक दूसरे से जाहिर करते हे ।
25 फरवरी से त्यौहारा हाट शुरू हो जायेंगे 9 फरवरी को होली दहन होगी ।
फिलहाल क्षेत्र के अधिकतर ग्रामीण मजदूरी करने के लिए गुजरात एवं महाराष्ट्र गए हुए हे भोंगर्या हाट नजदीक आते ही वे धीरे धीरे अपने घरो को लौट रहे है । भोंगर्या हाट खत्म होते ही फिर रोजगार की तलाश में वापस गुजरात महाराष्ट्र चले जाते है ।