बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

सदी के महानायक आयुष से मिलकर हुए प्रसन्न.....  पैरों से बनी पेंटिंग देखकर हुए भावुक भी....


बड़वाह : सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता आज भी उतनी ही है जितनी 70 के दशक में हुआ करती थी अमिताभ बच्चन के एक झलक देखने के लिए उनके निवास स्थान जलसा के बाहर लाखों की संख्या में प्रतिदिन लोग आते हैं और दूर से ही एक झलक पाकर अपने आप को धन्य मानते हैं वही बड़वाह नगर की प्रतिभा आयुष कुंडल से न सिर्फ अमिताभ बच्चन ने मुलाकात की बल्कि अपना कीमती 20 मिनट इस दिव्यांग बालक को दिए । पैरों से पेंटिंग बनाने की आयुष की कला से अमिताभ बच्चन अचंभित भी हुए और भावुक भी  । वहीं मुक्त मन से आयुष को आशीर्वाद दिया ।



दोनों पैरों से दिव्यांग आयुष न तो हाथों से कुछ कर सकता है और नहीं ढंग से बैठ सकता है। बोल भी नहीं सकता है। कुदरत ने उसे दिव्यांग तो बना दिया लेकिन पैरों में ऐसी कला दे दी कि हर कोई उसे देखकर दंग रह जाता है। वह जमीन पर लेटे-लेटे ही हर काम करता है। बचपन से ही आयुष दिव्यांग है। हर बात को वह इशारे में या पट्टी पर पैरों से लिखकर बताता है। इशारों की भाषा केवल उसकी मां सरोज कुंडल व बहनें ही समझ पाती हैं। मां सरोज कुंडल ने अपने इकलौते बेटे को हिम्मत नहीं हारने दी। उसे मूक-बधिर विद्यालय में प्रवेश दिलाया। शिक्षकों ने उसे पैरों से न केवल लिखना सिखाया बल्कि पेटिंग बनाना भी सीखा दिया। धीरे-धीरे उसमें ऐसा जुनून आया कि वह महापुरुषों, नेताओं से लेकर अन्य की तस्वीर पैरों से बना लेता है। सुराणा नगर निवासी 20 वर्षीय आयुष कुंडल ने सुराणा नगर स्थित स्थानीय स्कूल ओम मां नर्मदा मूक-बधिर व दृष्टि बाधित विद्यालय से आठवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। यहां आगे की स्कूल न होने से परिजन दाखिला नहीं करवा सके। जब आयुष का जन्म हुआ तो परिजन बहुत खुश हुए लेकिन जब दिव्यांगता का पता चला तो उसके दादा, माता-पिता विचलित नहीं हुए बल्कि उनके प्रेरणा स्त्रोत बन गए। वह आयुष को हाथों का काम पैरों से करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। पिता पियूष कुंडल प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां सरोजबाई गृहिणी हैं। दादाजी रिटायर्ड शिक्षक हैं। बहनें अध्ययनरत हैं। 


अब प्रधानमंत्री से मिलने की इक्षा....


पिछले दिनों पहले आयुष ने मोदी जी और अमिताभ बच्चन से मिलने की इक्षा जाहिर की थी जो पृरी हुई अब उसकी मोदी जी से मिलने की इक्षा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को चैनलों पर बताते हैं तो वह ध्यान से सुनता है। मां को इशारों में या पट्टी पर लिखकर मोदीजी के कार्यों की सराहना करता है। वह उनसे मिलने की इच्छा भी रखता है। इस अवसर पर ओम। माँ नर्मदा मूक बधिर आवासीय विद्यालय सुराणा नगर बड़वाह में विद्यायल के  सभी शिक्षकों ने उसका स्वागत किया इस अवसर पर प्राचार्य श्रीमती भारती अग्रवाल सुनील कुमार गुप्ता इंद्र जोशी खुशी चौधरी दिलीप सरदार मेहता एव विद्यालय के संचालक श्री सजय कदम जी ने एव सभी छात्रों ने उज्वल भविष्य की कामना की 
बड़वाह से शतीस अमोराकी रिपोर्ट


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