हरदा 30 मार्च /कलेक्टर एवं पदेन अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण हरदा अनुराग वर्मा ने आपदा प्रबन्धक अधिनियम 2005 की धारा 26 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आपदा प्रबन्धन के लिए आदेश जारी किया है।
कलेक्टर वर्मा ने आदेशित किया है कि जो भी गरीब, निराश्रित एवं प्रवासी श्रमिक इत्यादि जिस भी जगह पर रहे है, उनके भोजन एवं रहने की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायतों तथा नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकायों द्वारा की जावेगी। उक्त व्यवस्थाओं के लिये संबंधित निकाय अपनी निधि, पंच परमेश्वर की राशि तथा तदर्थ समिति के फण्ड का उपयोग कर सकेंगे। इस कार्य हेतु यथा संभव समाज सेवियों, दान दाताओं का भी सहयोग लिया जाएगा। संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उक्त कार्य एवं व्यवस्थाओं के लिये उत्तरदायी होंगे। ग्राम पंचायतों में सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी स्टाफ एवं ग्राम रक्षा समितियों के माध्यम से कार्य किया जाएगा।
कलेक्टर ने आदेशित किया है कि जो भी व्यक्ति बाहर से आये है, उन्हें अनिवार्य रूप से न्यूनतम 14 दिनों की अवधि के लिये स्वास्थ्य विभाग के मानक प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए होम क्वारेंटाइन में रखा जाये। जहाँ अधिक संख्या में बाहर से आये ऐसे लोग है, जिनके पास रहने के लिये आवास नहीं है, उनके लिए निकटस्थ शासकीय भवन जैसे- स्कूल, होस्टल आदि में पुर्नवास शिविर स्थापित कर रूकने एवं भोजन की व्यवस्था की जावे। समस्त संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) इस व्यवस्था के लिये उत्तरदायी अधिकारी होंगे।
कलेक्टर श्री वर्मा ने निर्देशित किया है कि उद्योगों, दुकानों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रकार के नियोक्ता अपने श्रमिकों को नियत तिथि पर बिना किसी कटौती के लॉक डाउन की अवधि सहित उनके पारिश्रमिक का अनिवार्यतः भुगतान करेंगे। ऐसी समस्त फैक्ट्री, कम्पनी दुकानें या व्यवसायिक प्रतिष्ठान जहाँ बाहर से आये मजदूर कार्य कर रहे है, उनके भोजन आदि की व्यवस्था के लिए उस प्रतिष्ठान के मालिक जिम्मेदार होंगे। निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला श्रमपदाधिकारी, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला प्रबन्धकक नागरिक आपूर्ति निगम तथा जिला प्रबन्धक मार्कफेड की होगी।
कलेक्टर श्री वर्मा ने आदेशित किया है कि 30 अप्रैल 2020 तक कोई भी मकान मालिक, श्रमिकों एवं विद्यार्थियों को अपने परिसर खाली करने के लिये बाध्य नहीं करेगा। यदि कोई मकान मालिक ऐसा करता है, तो उसके विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।