बुरहानपुर- अब तो बाल स्वयंसेवक भी बढ़- चढ़कर हिस्सा लेने लगे हैं, यहां यह कहना उचित होगा कि "संस्कार सीखाये नहीं जाते, बल्कि आत्मसात किए जाते हैं" । शायद यही वजह है, कि समाज के दूसरे बड़े वर्ग से जुड़े समाजसेवियों को देखकर बच्चों में भी अपने देशवासियों के प्रति मानवीयता एवं राष्ट्रप्रेम का भाव घर करता जा रहा है। इसलिए बड़े -बुजुर्ग व नौजवान वर्ग के साथ -साथ समुदाय के बाल स्वयंसेवक भी अब इधर- उधर से पाई- पाई जोड़ कर गुल्लक में संचित की गई राशि को अपने स्वयं के कामों में उपयोग ना कर समाज सेवा के लिए दान कर रहे हैं।
इसी प्रकार का एक अनूठा उदाहरण रविवार को ब्रह्मपुर शहर में नजर आया। लोक डाउन के चलते ब्रह्मपुर नगर के नन्हे -मुन्ने बाल स्वयंसेवक सौम्य बालकर, संस्कार बिडीयारे,रोहण पोद्दार,देवांश चौधरी,अभयम् जंजालकर,चेतन महाजन,सचिन महाजन,सार्थक राठौर, हितेश ऐंडोले,ध्येय चिंचलकर ने अपने द्वारा संचित की गई बचत की धनराशि सेवा भारती ब्रह्मपुर सौपी कर अपना राष्ट्र धर्म निभाया। इस गुल्लक से कुल- 6388 रुपये की राशि प्राप्त हुई। बाल स्वयंसेवकों का कहना था कि यह पैसे उन्होंने अपनी पैकेट मनी से बचाये है .