खिरकिया। जैन श्वेताम्बर समाज की श्राविका दीपमाला नागड़ा का वर्धमान आयंबिल तप पूर्ण हुआ। विगत 24 दिनो से लगातार यह तप जारी था। जिसमें अंतिम 25वें दिन उपवास रहा। इस प्रकार यह उनका 24वां तप है। इसी तरह श्रावक अरूण नागड़ा द्वारा भी वर्धमान तप किया गया। पूर्व भव में पुनः जैन धर्म मिलने एवं कर्मो की निर्जरा के लिए यह तप किया जाता है। आयंबिल तप में स्वाद रहित वस्तुओं को दिन में एक बार एक ही जगह बैठकर ग्रहण किया जाता है।