शनिवार, 16 मई 2020

मोमिन जमात बुरहानपुर एवं अन्य दो सामाजिक संगठनों के अनुरोध को अनदेखा कर रहा है जिला प्रशासन।  सामान्य मौत में भी अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजन को नहीं सौंपा जा रहा है शव       

               


बुरहानपुर(मेहलका अंसारी) शिकायतें प्राप्त हो रही है कि सामान्य मौत में भी मृतक के शव को अस्पताल से सीधे कब्रिस्तान भेजा जा रहा है। उक्त शिकायत के मद्देनजर मोमिन जमात बुरहानपुर के अध्यक्ष शाह परवेज़ सलामत ने 5 मई 2020 को कलेक्टर बुरहानपुर को एक अभ्यावेदन प्रेषित करते हुए उसकी प्रतिलिपि क्षेत्रीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, क्षेत्रीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया एवं पुलिस अधीक्षक  बुरहानपुर को दी है। मोमिन जमात बुरहानपुर के अध्यक्ष की तर्ज पर हजरत शाह चमन वली (RA) वेलफेयर सोसाइटी बुरहानपुर के अध्यक्ष सैयद इसहाक अली ने भी उपरोक्त शिकायत के संदर्भ में कलेक्टर महोदय बुरहानपुर को ईमेल के माध्यम से सामान्य मौत में शव को परिवार के लोगों को देकर अपनी अपनी धार्मिक रीति रिवाज, धार्मिक आस्था एवं परंपरा अनुसार अंतिम रूप से तैयारी के लिए देने की अनुमति देने हेतु अनुरोध किया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग संगठन के अध्यक्ष रियाज़ फारुक खोकर ने भी इसी मांग को लेकर व्हाट्सएप के माध्यम से प्रशासन, स्थानीय विधायक, क्षेत्रीय सांसद एवं पुलिस अधीक्षक को निवेदन किया है। इस प्रतिनिधि को प्राप्त जानकारी के अनुसार मुबीन अख्तर पिता रियाज अहमद, उम्र 45 साल, निवासी डॉक्टर जाकिर हुसैन वार्ड, नामक एक मरीज को जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा सीधे कब्रिस्तान भेजने का मामला प्रकाश में आया था। उसकी अंतिम क्रिया के पूर्व धार्मिक रीति रिवाज एवं परंपरा अनुसार जो अंतिम तैयारी की जाना थी वह नहीं हो पाई। पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि मरीज को उल्टी दस्त होने के कारण जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया था लेकिन मेडिकल वार्ड के डॉक्टरों पर आरोप है कि वह यहां आए मरीजों को कोरोना सेंटर भेज देते हैं और यहां पदस्थ कर्मचारियों के रवैये के कारण अधिकांश मरीज दहशत के शिकार होकर अपने प्राण त्याग  रहे हैं। यहां उनसे अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। मरीजों के साथ किसी अटेंडेंट को साथ रहने की भी अनुमति नहीं है। ऐसी स्थिति में मरीज को इमरजेंसी में क्या जरूरत पड़ रही है उसे पेशाब, मल मूत्र कराने के लिए भी कोई व्यक्ति नहीं होता है और डॉक्टर मरीज के किसी रिश्तेदार या सहायक को भी अंदर नहीं जाने देते हैं। इसके कारण मरीजों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो  जाती है और अच्छा भला मरीज जिला अस्पताल आकर दहशत का शिकार होकर मौत के मुंह में चला जाता है। जलाल अंसारी मामा नामक एक मरीज, जिसे दिनांक 2 मई 2020 को मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया था, उसे रविवार 3 मई 2020 को एमडी डॉ राजेश सोलंकी द्वारा अनावश्यक रूप से जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया था। मरीज जलाल अंसारी को इस वार्ड में भरती करने के बाद उसके बाद जिला चिकित्सालय के किसी स्टाफ ने कोई केअर नहीं की। यहां के सिविल सर्जन डॉ शकील अहमद खान का रवैया तो निश्चित रूप से काबिले तारीफ है, लेकिन उनके अधीनस्थ स्टाफ का रवैया ठीक नहीं होगा मानवता के विपरीत है। जलाल अंसारी के परिजनों ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती उन के पेशेंट की हालत सीरियस होने पर परिजन द्वारा जब डॉक्टर राजेश सोलंकी को फोन कर पेशेंट की खराब हो रही हालत के संबंध में मोबाइल पर निवेदन किया तो उन्होंने परिजनों से कहा कि मुझे परेशान ना करें अन्यथा मैं आपकी एफ आई आर करवा दूंगा। दूसरे पेशेंट मुबीन अख्तर रियाज अहमद के साथ भी कमोबेश यही घटना घटित हुई है। मृतक की पत्नी ने बताया कि जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के डॉक्टरों ने उससे कहा कि आपके पेशेंट को इंदौर भेजना पड़ेगा और वह भी अकेले। यह सुनकर मुबीन अख्तर और उसकी पत्नी की हालत खराब हो गई और अंततः मरीज ने कुछ समय बाद दम तोड़ दिया। मृतक की लाश परिजन को देने के संबंध में भी निवेदन करने के उपरांत किसी ने एक नहीं सुनी। बताया जाता है कि मुबीन के परिजन द्वारा डॉक्टर जाकिर हुसैन वार्ड के पार्षद को भी मृतक के परिवार ने शव दिलवाने के संबंध में निवेदन किया गया, लेकिन वह अपने प्रयासों में असफल रहे। बताया जाता है कि मोमिन जमात बुरहानपुर के अध्यक्ष सेल्फ क्वारेंटाइन थे, इस कारण वह भी मदद करने में असफल रहे। नवागत कलेक्टर निश्चित रूप से बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, किंतु जिला चिकित्सालय का अधीनस्थ स्टॉप के रवैया में परिवर्तन लाने की जरूरत है। तभी जिला अस्पताल और मरीजों के दरमियान परस्पर विश्वास बहाल हो सकेगा। दिनांक 16 मई 2020 को शाम 5:00 बजे श्रीमती फरीदा बी पति मोहम्मद अमीन सेठ,(मामूं फैमिली की सदस्य)निवासी नियामतपुरा बुरहानपुर को भी सांस की पुरानी तकलीफ के कारण जिला अस्पताल भर्ती किया गया किंतु लगभग 2 घंटे बाद उक्त महिला ने भी ने प्राण त्याग दिए। यह भी एक सामान्य मौत थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा इस महिला का शव भी परिवार को सौंपने काफी दिक्कतें पैदा की गई। मोमिन जमात बुरहानपुर के अध्यक्ष ने जिला कलेक्टर बुरहानपुर से यह निवेदन किया है कि सामान्य परिस्थिति में मौत होने पर मृतक का शव उसके परिजन को सौंपकर उसकी धार्मिक रीति रिवाज एवं परंपरा अनुसार अंतिम संस्कार या दफ़न करने की अनुमति प्रचलित नियमों के तहत प्रदान की जाए। यह मांग न्याय संगत एवं न्यायोचित है, जिस पर प्रशासन को सकारात्मक रूप से ध्यान देना चाहिए।


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