राजगढ। मध्यप्रदेश में संचालित मध्यप्रदेश अपराध पीडित प्रतिकर योजना 2015 के तहत राजगढ जिले में पिछले दो वर्षों में कुल 8 प्रकरणों में 13 लाख 50 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि अपराध पीडितों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रदाय की गई है।
*क्या है मध्यप्रदेश अपराध पीडित प्रतिकर योजना? -*
मध्यप्रदेश अपराध पीडित प्रतिकर योजना में राज्य एवं जिला स्तरीय समिति के गठन का प्रावधान है जिसके अध्यक्ष जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश होते है। जिला दण्डाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक इस समिति के सदस्य होते हैं एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव इस समिति के सचिव होते है। इस योजना के तहत जीवन की हानि, भ्रूण की हानि या क्षति शरीर में स्थायी निःषक्तता, महिला की प्रजनन क्षमता की स्थायी क्षति, शरीर के महत्वपूर्ण भाग पर गंभीर चोट, सामूहिक बलात्कार, अवयस्क बच्चों के साथ लैंगिक अपराध, एसिड अटैक से कुरूपता आदि में प्रतिकर का प्रावधान है।
*राजगढ जिले में इस योजना से क्षतिपूर्ति:-*
विशेष लोक अभियेाजक श्री आलोक श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजगढ से वर्ष 2019 में छः प्रकरणों में कुल 9 लाख 50 हजार रूपये एवं 2020 दो प्रकरणों में 4 लाख रूपये इस योजना के तहत पीडित पक्ष को दिलवाये गये है। इस प्रकार दो वर्ष में 13 लाख 50 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि अपराध पीडितों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रदाय की गई है।
इस योजना में वर्ष 2019 में थाना जीरापुर के अपराध क्रमांक 317/18 धारा 302 भादवि के प्रकरण में पीडित पक्ष को 2 लाख रूपये, थाना राजगढ के अपराध क्रमांक 333/18 में धारा 302, 397, 303, 120बी भादवि एवं आम्र्स एक्ट में 2 लाख रूपये, थाना नरसिंहगढ के अपराध क्रमांक 302/18 धारा 354, 376 भादवि एवं पाॅक्सो एक्ट में 2 लाख रूपये एवं अपराध क्रमांक 06/17 धारा 302 भादवि में 1 लाख रूपये, थाना सारंगपुर के अपराध क्रमांक 546/18 धारा 363,366,376 भादवि एवं पाॅक्सो एक्ट में 50 हजार रूपये, थाना माचलपुर के अपराध क्रमांक 287/17 धरा 363,366,354 भादवि एवं पाॅक्सो एक्ट में 2 लाख रुपए एवं वर्ष 2020 में थाना देहात ब्यावरा के अपराध क्रमांक 166/16 धारा 307, 302/34 भादवि में 2 लाख रूपये, थाना तलेन के अपराध क्रमंाक 250/17 धारा 342, 376, 506 भादवि एवं पाॅक्सो एक्ट में यह क्षतिपूर्ति पीडित पक्ष को प्राप्त हुई है।
पुलिस अधीक्षक ने अपील की है कि यदि बलात्कार के अपराधों की पीडित महिलाओं द्वारा राजीनामा न कर आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में गवाही देती है, तो ऐसी गवाही के आधार पर आरोपीगणों को न्यायालय से दण्डित किया जाता है और मध्यप्रदेश पीडित प्रतिकर योजना के तहत राज्य शासन से क्षतिपूर्ति दिये जाने के आदेष भी पारित किये जाते है।