मंगलवार, 18 जनवरी 2022

बुरहानपुर जिले में आज फिर 28 लोगों कोरोना पाजिटिव की रिपोर्ट हुई प्राप्त, जानिएं जिले में किन क्षेत्रों में मिले कोरोना पाजिटिव?


 

खेलते खिलते बाल्टी में डूबने से हुई एक वर्ष के बालक मौत

 बुरहानपुर - सोमवार शाम को खेलते खलते एक वर्षीय बालक की पानी से भरी बाल्टी मे डुबने से मौत हो गई। जिसे परिजनो द्वारा पूलिस को सूचना दि गई जहा पुलिस द्वारा मामला पंजीबध्द कर शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनो को सौप दिया गया ।

मिली जानकारी के अनुसार रितीक पिता टेढा एक वर्ष निवासी छोटी खकनार का अपने ही घर मे खेलते खेलते पानी से भरी बालटी मे डुबने से मोत हो गई बालक के पिता टेढा ने बताया कि सोमवार शाम को मे  बाजार गया था और मेरी पत्नी जानवरो के लिये चारा तैयार कर रही थी तभी शाम 6 बजे रितीक भी घर के बाडे मे खेल रहा था ना जाने वह कब पानी से भरी बॉल्टी के पास पहुच गया और उसे पकड कर शायद उसमे उतर गया होगा घर मे सब अपने काम काज मे लगे हुये थे शाम को ंजब मेने आकर देखा तो रितीक पानी से भरी बॉल्टी मे डुबा हुआ था मेरे शोर मचाने पर सब उसे इस हालत मे देख दंग रह गये हमारे द्वारा बच्चे को  खकनार अस्पताल मे दिखीया गया लेकिन जब तक बच्चे ने दम तोड दिया था जिसकी सूचना संबंधित थाना क्षेत्र को दी गई जहा पुलिस द्वारा मामला पंजीबंध्द कर शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनो को सौप दिया गया।


तीन दोस्त को शराबी बाईक चालक ने मारी टक्कर वाहन चालक हुआ गम्भीर घायल

 बुरहानपुर. मेला देखने बाइक पर जा रहे तीन दोस्त सड़क हादसे में घायल हो गया। शराब के नशे में पीछे से आ रहे बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में एक युवक के दाहिने पैर में गंभीर चोटे आई है।


लोखंडिया के मेले में दर्शन करने के लिए ग्राम टेंभी से दीपक पिता कैलाश अपने दोस्ता शिवा और अंकित के साथ सोमवार रात जा रहा था। दीपक ने बताया खंडवा-देड़तलाई हाईवे पर कारखेड़ा और धाबा के बीच पीछे से आ रहे बाइक सवार ने उन्हंे टक्कर मारी। बाइक सवार शराब के नशे में था और टक्कर से पहले वह कई बार टकराते हुए बचा था। बाइक तेज रफ्तार होने के कारण टक्कर से सड़क पर रगड़ते हुए काफी दूर तक चले गए। हादसे में दीपक के दाहिने पैर में गहरे जख्म हुए है। शरीर पर कई चोटे आई है। अंकित और शिवा भी घायल हुए। तीनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

शनिवार, 4 दिसंबर 2021

नाबालिक का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास।*




*नीमच। श्री विवेक कुमार श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट), नीमच* द्वारा 17 वर्षीय नाबालिक बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी गुलाम हुसैन पिता कल्लु खां कुरैशी, उम्र-20 वर्ष, निवासी अंबेडकर नगर, खारीकंुआ, जिला नीमच को धारा 363, 366, 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 20,000रू. जुर्माने से दण्डित किया।


विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चैहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पीडिता 17 वर्ष की होकर ग्राम जमुनिया कला में रहती हैं तथा पूर्व में वह दशहरा मैदान स्थित शासकीय कन्या विद्यालय में पढाई करने हेतु बस से नीमच आती जाती थी। आरोपी बस स्टेण्ड स्थित आटो पार्टस की दुकान पर नौकरी करता था, जिससे पीडिता की आते जाते पहचान हो गई थी। आरोपी द्वारा पीडिता को बहला फुसला कर एक मोबाईल दे दिया था, जिससे वह पीडिता से बात करता था। घटना दिनांक 09.10.2019 को पीडिता घर से सिलाई सीखने का बोलकर गई थी जो करीब 4 घंटे के बाद भी वापस नहीं आई तो पीडिता के परिवार वालो ने सिलाई सीखाने वाले टेलर से पूछताछ करी तो उसने बताया की 03 दिन से छुटटी होने से पीडिता उसके वहां नहीं आई फिर पीडिता के परिवार वालों ने पीडिता की आसपास व रिश्तेदारी में तलाश की किंतु वह नहीं मिली व इसी दौरान पीडिता की माता की तबियत खराब होने से पीडिता के मामा ने दिनांक 11.10.2019 को शंका के आधार पर आरोपी के विरूद्ध थाना नीमच सिटी में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई, जिस पर से अपराध क्रमांक 451/19, धारा 363/34 भारतीय दण्ड संहिता 1860 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 14.10.2019 को पुलिस द्वारा हुसैन टेकरी दरगाह के बहार, जावरा (रतलाम) से पीडिता को दस्तयाब किया व आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पीडिता द्वारा पुलिस को बताया गया कि घटना दिनांक को आरोपी ने मोबाईल से उसे भाटखेडा बुलाया किन्तु जब पीडिता द्वारा इंकार किया गया तो आरोपी द्वारा धमका कर कि अगर नहीं आई तो वह उसके माँ-बाप व उसको मार डालेगा। डर के कारण पीडिता भाटखेडा गई, जहाँ से आरोपी उसे जावरा से होते हुए अजमेर (राजस्थान) के होटल गुलाब पैलेस में ले गया, जहाँ आरोपी द्वारा पीडिता से बलात्कार किया गया, फिर व पीडिता को वापस जावरा लेकर आया जहाँ से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पीडिता द्वारा बताई घटना के आधार पर पुलिस धारा 366, 376 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 एवं लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3/4 का ईजाफा करते हुए अन्य आवश्यक विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।


अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान पीड़िता सहित भी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर उसके कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का तर्क रखा गया। माननीय विशेष न्यायाधीश द्वारा आरोपी को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363 में 7 वर्ष सश्रम कारावास व 5000रु जुर्माना, धारा 366 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000रु जुर्माना व धारा 376 में आजीवन कारावास व 5000रु जुमाना तथा लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3/4 में आजीवन कारावास व 5,000रू जुर्माना, इस प्रकार आरोपी को आजीवन कारावास व कुल 20,000रु जुर्माने से दण्डित करते हुए जुर्माने की कुल रकम 20,000रु को पीडिता को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी *विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चैहान* द्वारा की गई व सहयोग *श्री चंद्रकांत नाफडे, एडीपीओ* द्वारा किया गया।



बुरहानपुर जिले में 85 लाख के चैक अनादरण मामले में एक संस्था के मां एवं बेटे को 1-1 साल की जेल और 1.39 करोड रूपये हुआ जुर्माना*

 बुरहानपुर - पिछले 8 साल से लंबित 85 लाख रूपये के चैक अनादरण के मामले के बहुप्रतिक्षित महत्वपुर्ण प्रकरण में बुरहानपुर न्यायलय ने महत्वपुर्ण फैसला देते हुए चैक जारी कर्ता संस्था सिद्धीविनायक पावरलुम बुनकर सहकारी संस्था की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मां (श्रीमती रजनी सोनी) तथा बेटे (श्री विशाल सोनी) सहित 3 को 1-1 साल जेल की सजा के साथ-साथ 1.39 करोड का जुर्माने का आदेश पारित किया। उल्लेखनिय है कि परिवादी श्रीराम तोषनीवाल की ओर से अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने यह केस वर्ष 2014 में न्यायालय में लगाया था और तब से 8 साल बाद वर्तमान जे. एम.एफ.सी. बुरहानपुर ( श्री आयुष कनेल साहब) के न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। परिवादी श्रीराम तोषनीवाल की ओर से पैरवीरत अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल से 8 वर्ष की देरी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होने बताया कि, हालांकि चैक अनादरण के मामलों में 6 माह के भीतर प्रकरण को निपटाए जाने का भरपुर प्रयास करने का कानून है, किंतु यह भी आदेश है कि आरोपी / अभियुक्त को बचाव का पुरा पुरा मौका मिलना चाहिए जिसका सहारा लेकर इस मामले में ऐसे कई मौके आए जब आरोपीगण की ओर से बार-बार दस्तावेजो के प्रगटीकरण के लिए अनेको आवेदन तथा उनकी निरस्ती के बाद इन आदेशो की अनेको रिवीजन तथा उन रिविजनो की निरस्ती के बाद मा. उच्च न्यायालय में याचिका के अलावा, मा. न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के बदले जाने के आवेदन तथा कोविड- 19 महामारी की अवधि जैसे कई कारण रहे जिस वजह से उक्त मामले के निराकरण में अप्रत्याशित 8 वर्ष से अधिक का समय लग गया। अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने यह भी बताया कि न्यायालय की ओर से शीघ्रअतिशीघ्र अंतिम निराकरण करने की कोशिश करते हुए आरोपीगण के विरुद्ध व्यर्थ के आवेदनों पर जुर्माना भी लगाया गया किंतु ऐसे जुर्माने की रकम उक्त प्रश्नाधीन चैक की रकम 85 लाख के मुकाबले लगभग नहीं के बराबर होती थी ऐसी स्थिती में उक्त जुर्माने से आरोपीगण पर कोई प्रभाव नही पडते हुए ऐसे व्यर्थ के आवेदन के कारण भी उपरोक्त अप्रत्याशित विलंब हुआ। इसके अलावा समय गुजरने के साथ विलंब होने से सामान्यतः तीन से चार वर्ष की अवधि के दौरान न्यायालय के पीठासीन अधिकारी का तबादला होने से और फिर नए पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकरण तथा आरोपीगण के कंडक्ट को समझने में देरी होना भी विलंब का एक अतिरिक्त कारण रहा। परिवादी के अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रकरण का सुखद पहलु यह भी है कि इस मामले में पिछले 8 साल अप्रत्याशित विलंबन के दौरान प्रारंभ से अंत तक पहुंचने तक एक ही अधिवक्ता के रूप में उन्होने (श्री मनोज कुमार अग्रवाल) ही मामले को कडक्ट किया ऐसी स्थिती में प्रकरण का कोई भी पहलु क्षीण / विलोपित नही हुआ, अन्यथा अधिवक्ता बदल जाने से भी कभी-कभी प्रकरण को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। अधिवक्ता श्री अग्रवाल ने कहा कि उनके लिए यह केवल एक कस था, जिसमें वे अपने पक्षकार द्वारा दिए गए मामले के तथ्यों को कानून के अनुसार मा. न्यायालय के समक्ष रखकर मा. न्यायालय को अपने पक्षकार के पक्ष में संतुष्ट करने में सफल रहे। अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने यह भी कहा कि इस मामले को सफलतापूर्वक पुर्ण करने में उनके सहयोगी अधिवक्ता द्वय श्री सत्यनारायण बाघ के अलावा एडवोकेट श्रीमती अनिता मनोज, श्रीमती दिक्षा हर्ष एवं असिस्टेंट / भावी - अधिवक्ता श्री अजहर हुसैन का भी अमूल्य सहयोग रहा।


बुधवार, 27 अक्टूबर 2021

ज्यादती के आरोपी को दस वर्ष का सश्रम कारावास

 राजगढ जिले में पदस्थ माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट डॉ. अंजली पारे राजगढ ने विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 85/19 धारा 363,366,376(1)(2) एवं 3/4, 5/6 पास्को 3(2)(V) में फैसला सुनाते हुये आरोपी दिनेश (परिवर्तित नाम) को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया है।

                       अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 27.07.2019 को फरियादी ने अपनी लडकी के गुम हो जाने की रिपोर्ट थाना शहर ब्यावरा में दर्ज कराई जिसके आधार पर अपराध की कायमी की गई। अपहर्ता को दस्तयाब किया गया जिसके उपरांत पीडिता बालिका के पुलिस कथन लेख किये गये जिनमें पीडित बालिका ने बताया कि अभियुक्त उसे बहलाफुसलाकर ले गया था और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाकर बलात्कार किया है। तब बलात्संग एवं पॉक्सो एक्ट की धाराओं का इजाफा किया गया। प्रकरण की विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। विचारण के दौरान पीडित बालिका सहित अभियोजन साक्षियों के कथन लेख किये गए। 


              अभियोजन की ओर से प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने पैरवी की। माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में आरोपी दिनेश (परिवर्तित नाम) को दोषी पाया गया है। इस प्रकार प्रकरण की परिस्थिति एवं अभियोजन की साक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय ने आरोपी दिनेश (परिवर्तित नाम) को कुल दस वर्ष के कारावास एवं 5 हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया है।


गुरुवार, 8 जुलाई 2021

कुल्हाडी मार कर अस्थिभंग करने के मामले में आरोपी को दो वर्ष की सजा और अर्थदण्ड

 छतरपुर- कुल्हाडी मार कर अस्थिभंग करने के मामले में कोर्ट ने फैसला दिया। बिजावर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपी को दो साल की कठोर कैद के साथ एक हजार रुपए के जुर्माना की सजा दी है।

अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 27 जून 2019 को समय 15ः30 बजे के लगभग फरियादी गनेशा अहिरवार अपने खेत नया कुआं ग्राम डिकौली पर चिरोल के पेड़ की छटाई कर रहा था। जिसकी डाली बिजली के तार पर गिर गई, जिससे आरोपी कोमल अहिरवार के बिजली का तार गिर गया इसी बात पर आरोपी कोमल और कल्ला अहिरवार ने गालियां दी और फरियादी के मना करने पर आरोपी कोमल ने कुल्हाड़ी उसके सिर में माथे के उपर मारी जिससे खून निकल आया और सिर की हड्डी टूट गई तथा कुल्हाड़ी की मूंद सीने में लगी। उसकी भाभी अनीता बचाने आयी तब कल्ला, भाभी को मारने दौड़ा और दोनों ने गाली देते हुये कहा कि बिजली का नया तार डाल देना नहीं तो जान से मार देंगे जिसकी रिपोर्ट थाना गुलगंज में लेखबद्ध की गई।

अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक/एडीपीओ अजय मिश्रा ने पैरवी करते हुए पक्ष रखा। बिजावर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मनीष शर्मा की अदालत ने आरोपी कोमल अहिरवार को दोषी ठहराते हुये, भादवि की धारा 325 में 02 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।

भाजपा ने जारी की बुरहानपुर के 45 वार्ड प्रत्याशियों की सूची,3 को रखा होल्ड पर

बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) भारतीय जनता पार्टी संभागीय कार्यालय इन्दौर की संभागीय चयन समिति के संयोजक श्री मधु वर्मा एवं श्री गजेंद्र पटेल के ...