सोमवार, 9 दिसंबर 2019

मत्स्य पालकों के आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार हरसंभव मदद करेगी - पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव

मत्स्य पालकों के आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार हरसंभव मदद करेगी - पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव
 
खण्डवा | 


 

 

 




    प्रदेश के पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग के मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार अपने वचन पत्र के सभी बिन्दुओं का पालन कर रही है। वचन पत्र में मत्स्य पालकों के विकास के लिए लगभग 1 दर्जन से अधिक योजनाएं प्रस्तावित है। इन सभी पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश सरकार मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कृत संकल्पित है तथा मछुआरों के आर्थिक उत्थान के लिए हर संभव मदद दी जायेगी। मंत्री श्री यादव खण्डवा जिले के नर्मदानगर में स्थित सामुदायिक भवन में मत्स्य महासंघ की गतिविधियों की समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मांधाता विधायक श्री नारायण पटेल, फ्रिशर मेन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री सदाशिव भवरियां के अलावा मत्स्य महासंघ के प्रबंधक संचालक श्री महेन्द्र सिंह धाकड़ व मुख्य महाप्रबंधक श्री के.एल. मांझी सहित विभिन्न अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।
    मछली पालन मंत्री श्री यादव ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मछली पालन प्रदेश सरकार की नीति में आवश्यक संशोधन किया जायेगा, ताकि मछली पालकों को उनका अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि मछली पालकों की समस्या जानने के लिए ही आज आया हूं। अगली बार शीघ्र ही फिर आकर इंदिरा सागर के टापुआंे पर जाकर मछली पालकों की समस्याओं को देखूंगा। मछली पालन मंत्री श्री यादव ने कहा कि यह प्रयास किया जायेगा कि मछुआरों को उनकी मेहनत के हिसाब से लाभ में अधिक हिस्सा मत्स्य महासंघ द्वारा दिया जाये। मछली पालन मंत्री श्री यादव ने कहा कि पूर्व की सरकारों की गलत नीतियों के कारण मत्स्य पालक गरीब होते गए और ठेकेदार धनवान हो गए। अतः मत्स्य पालन नीति में संशोधन करते हुए मत्स्य पालकों के लिए मछली पालन लाभ का व्यवसाय बनाने का प्रयास किया जायेगा।
    विधायक श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि गत 15 वर्षो में गलत नीतियों के कारण मत्स्य पालकों को मत्स्य महासंघ के लाभ में पर्याप्त हिस्सा नही मिला तथा ठेकेदार अधिक लाभान्वित हुए। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ से मछली पालन नीति में आवश्यक संशोधन के लिए अनुरोध किया गया है, ताकि मछली पालने वाले मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति सुधर सके। फ्रिशर मेन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री भवरियां ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार के वचन पत्र में कुल 17 बिन्दु मत्स्य पालकों के कल्याण से संबंधित है। वचन पत्र के इन सभी बिन्दुओं पर प्रदेश सरकार अपने वचन का पालन करेगी। इस अवसर पर मत्स्य पालकों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी समस्याएं बताई तथा कहा कि पूर्व सरकार की मछली पालन नीति गलत होने के कारण मत्स्य पालक और गरीब होते गए तथा ठेकेदार सम्पन्न होते गए। मत्स्य पालकों ने मत्स्य महासंघ के संचालक मण्डल में मछली पालकों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की।
    इस अवसर पर प्रबंधक संचालक श्री धाकड़ ने बताया कि मत्स्य पालन एक लाभ का व्यवसाय है तथा खेती की तुलना में मछली पालन में अधिक लाभ है। उन्होंने बताया कि जय भोले सहकारी समिति के भास्कर भाई ने एक साल में 7.18 लाख रू. की आय प्राप्त की है, जबकि तुलसीराम ने 6.96 लाख रू. की आय एक साल में प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि मछुआरों को पूर्व में नाव एवं जाल के लिए साल में एक ही बार मदद दी जाती थी, अब वर्ष में दो बार उन्हें मछली पकड़ने के लिए जाल उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि इंदिरा सागर परियोजना के प्रारंभ में वर्ष 2004 में जहां केवल 70 टन मछली उत्पादन होता था,वहीं 2018 में यह उत्पादन बढ़कर 3000 टन हो गया है।




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