नई दिल्ली: एक मील से अधिक बड़ा उल्का पिंड पृथ्वी को पीछे छोड़ आगे निकल गया है. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, यूके के वक्त के अनुसार, 29 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 56 मिनट पर यह उल्का पिंड धरती से सिर्फ 3.9 मिलियन मील की दूरी से निकला था. यह पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी का लगभग 16 गुना है लेकिन एक उल्का पिंड होने के कारण यह पृथ्वी के काफी नजदीक से होकर गुजरा.
बता दें इस उल्का पिंड का नाम (52768) 1998 OR2 (Asteroid 1998 OR2) है और यह इस सदी के खत्म होने से पहले एक बार फिर पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक साल 2079 में यह उल्का पिंड एक बार फिर पृथ्वी की कक्षा के नजदीक से गुजरेगा और तब यह इस बार से भी ज्यादा करीब होगा.
https://youtu.be/eiS8EPOL488
इस उल्का पिंड को संभावित खतरनाक वस्तु (PHO) के रूप में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि यह 140 मीटर से बड़ा है और पृथ्वी की कक्षा के पांच मिलियन मील के दायरे में आया था. प्यूर्टो रिको में अरेसिबो ऑब्जर्वेटरी में प्लैनेटरी रडार के प्रमुख डॉ. ऐनी विर्क्की ने कहा कि PHO के बारे में अधिक समझने से "प्रभाव-जोखिम शमन प्रौद्योगिकियों में सुधार" में मदद मिलेगी.
हालांकि, वर्तमान में ऐसा कोई PHO नहीं हैं जिससे पृथ्वी को तत्काल रूप से किसी भी तरह का कोई खतरा हो. कुछ दिन पहले वैज्ञानिकों ने उल्का पिंड की नई तस्वीर जारी की थी और मजाक करते हुए कहा था कि इसे देख ऐसा लग रहा है कि इसने मास्क लगा रखा है. ऑब्जर्वेटरी में प्लैनेटरी रडार के प्रमुख डॉ. ऐनी विर्की ने कहा, ''वैज्ञानिक रूप से उल्का पिंड 1998 OR2 (Asteroid 1998 OR2) के नजदीक छोटे आकार की पहाड़ियां और लकीरें काफी आर्कषक हैं. लेकिन फिलहाल दुनियाभर में कोविड-19 महामारी चल रही है, इस वजह से हमें तस्वीर देख कर ऐसा ही लग रहा है कि जैसे उसने मास्क पहन रखा है.''
फिलहाल वैज्ञानिक इस उल्का पिंड पर नजर रखना जारी रखेंगे. हालांकि, अगले 49 वर्षों तक इसके पृथ्वी के नजदीक से गुजरने की कोई उम्मीद नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि, ''साल 2079 में, उल्का पिंड 1998 OR2 इस वर्ष की तुलना में करीब 3.5 गुना नजदीक से निकलेगा, इसलिए इसकी कक्षा को ठीक से जानना महत्वपूर्ण है."
जनहित में साभार
NDTV INDIA