मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

विधायक कमलपटेल बने केबिनेट मंत्री........ हरदा जिले के विकास को फिर हुई आस...


हरदा । हरदा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक कमलपटेल ने शिवराज सिंह सरकार मे केबिनेट मंत्री के रूप में शपथग्रहण की है । राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में हरदा जिले के विधायक कमलपटेल को केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई ।साथ मंत्रीमंडल विस्तार के साथ ही कमल पटेल को नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभाग की जिम्मेदारी भी सौपी गई है ।मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का पतन हरदा जिले की विकास की इबारत लेकर आया है जहां एक और हुए विधानसभा चुनाव में विधायक कमलपटेल ने पुनः क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाई है जिससे आमजन उनके करीब नज़र आया । आँखों में भविष्य के सपने हृदय में कुछ कर गुजरने की तमन्ना व्यवस्था में परिवर्तन कर औम आदी काही चिंतन और कुशल प्रशासनिक क्षमता के साथ दिल में नया करने की की हक लिए प्रदेश के राजस्व मंत्री एवं स्थानीय विधायक कमल पटेल ने विगत 15 वर्षों के अपने विधायकी और ढाई वर्ष के मंत्रित्व कार्यकाल के दौरान क्षेत्रको विकास कीनई सौगातें प्रदान की है। पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्मक मानववाद के सिद्धांत में अटूट श्रद्धा रखने वाले श्री पटेल राजनेता के रूप में आपना स्थान बना चुके है। उन्हें यह यश कीर्ति वंशानुगत रूप में से प्राप्त नही हुई है और न ही उन्हें सब कुछ अनायास ही प्राप्त हुआ। इस सबके पीछे उनके लगन, संघर्ष और त्याग की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। जनसेवा के लिए समर्पित हर नागरिक के लिए सर्वसुलभ सहज व सरल स्वभाव के धनी  पटेल आज अपनी इन्हीं खूबियों के कारण जन-जन के लाडले नेता है आज से चार दशक पूर्व 6 अक्टूबर 1961 को हरदा जिले के ग्राम रातातलाई में कृषक हरनाथ डूडी पटेल एवं माता श्रीमती पार्वतीबाई के घर जन्में श्री पटेल को प्राथमिक शिक्षा ग्राम रातातलाई एवं अबगांवकलॉ में हई। नगर पालिका स्कूल में माध्यमिक शिक्षा पश्चात उन्होंने इंदौर के शासकीय कला वाणिज्य महाविद्यालय में स्नातक व गुजराती लॉ कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की। शहर में शिक्षित होने के बावजूद ग्रामीण परिवेश की छाप उनके जीवन पर स्पष्ट नजर आती है। यह कारण है कि क्षेत्र की समस्याओं विशेषकर किसानों और ग्रामीणों को सुविधाओं को उन्होंने सदैव सर्वोपरी रखा है जमीन से जुड़े इस जन प्रतिनिधि ने नगरीय और ग्रामीण समस्याओं को करीब से देखा है और उन्हें हल कराने का संकल्प भी लिया है जो विगत वर्षों के कार्यकाल दौरान देखने को मिला। सन् 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के माध्यम से छात्र राजनीति में श्री पटेल ने प्रवेश किया इस दौरान उन्होंने शालिगराम तोमर, सुश्री शोभा पेंढणकर, संघ के सुरेश सोनी, बाबा शाह नातू, श्री भुस्कुटेजी, श्री गोविन्दाचार्य मदनदास व्यास आदि के सतत संपर्क में रहकर राजनीतिक दीक्षा प्राप्त की स्व. कुशाभाऊ ठाकरे का विश्वास व स्नेह उन्हें सदैव मिला है। उन्हीं के आशीर्वाद से वर्ष 1989 में भाजयुमों की प्रदेश कार्य समिति का सदस्य बनने के बाद कामयाबी की नित नई मंजिले हासिल की युवा मोर्चा होशंगाबाद के जिलाध्यक्ष प्रदेश महामंत्री के उत्तराधिदायित्व को उन्होंने बखूबी संभाला बाद में मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बनकर कमल पटेल ने युवाओं को नया जोश और तेवर प्रदान करते हुये पीढ़ी को दिशा दी। वर्ष 1993 के दौरान उन्हें कांग्रेस के गढ़ हरदा विधानसभा क्षेत्र में अपराज्य रहे पूर्व मंत्री विष्णु राजोरिया के विरूद्ध भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर भारी मतों से विजयश्री हासिल की ऐसा मानाजाता रहा है कि इस विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका है मगर श्री पटेल ने इस मिथक को भीतोड़तेहए 2003 का विधानसभा चुनाव मतों के बड़े अंतरों से जीता है। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री एवं इसके बाद प्रदेश के राजस्व व धर्मस्व मंत्री के रूप में उन्होंने यहां विकास की गंगा वहा दी। क्षेत्र में हुये कार्यों को देखकर यदि उन्हें विकास पुरूष की संज्ञा दी जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। कांग्रेस के शासनकाल दौरान हरदा तहसील को जिला बनवाने के लिए शुरू कीगई पदयात्राएं और संघर्ष खिरकिया में नहर लाने के लिए किया गया संघर्ष औरमाचक नहर योजना मंजूर कराया उनके जुझारू व्यक्तित्व की पहचान है। प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उनके प्रयासों से इमलीढाना नहर परियोजना हरदा नगर पालिका को आदर्श नगर पालिका बनवाना स्थानीय कृषि उपज मंडी में अनके विकास योजनाएं शुरू कराना हरदा में नेहरू युवा केन्द्र व चारूवा में नवोदय विद्यालय की स्थापना कराने जैसे अनेक कार्य उनके विधायिका और मंत्रित्वकाल के दौरानहये है। इन सबके पीछे उनकी कड़ी मेहनत सतत गंभीर प्रयास की स्पष्ट झलक दिखाई देती है। अगहन पौष की ठिठुरती सर्दी सभी मौसम में उन्होंने पार्टी को खड़ा करने का कार्य शुरू किया जो आज किसी वटवृक्ष की तरह स्थापित हो चुकी है प्रदेश में कमल वाहिनी का गठन कर एक मतदान-दस जवान जैसी योजनाऐं संगठन में चलाई।वहीं सत्ता परिवर्तन की भी यात्रा कर उन्होंने कांग्रेस को उखाड़ फेकने में युवाओं को एकजूट किया। हरदा क्षेत्र का तो विकास हुआ ही है। साथ ही संगठन को भी मजबूती मिली है।  पटेल के मार्गदर्शन में भाजपा शासित स्थानीय नगर पालिका परिषद् ने प्रदेश में अव्वल होने का कीर्तिमान बनाया है। यहां उनके विचारों के अनुरूप नगरीय क्षेत्र में अनेक योजनाएं मूर्तरूप ले पाई है स्थानीय नेहरू स्टेडियम सांसद निधि से जिम्नेजियम शहर की सभी सड़कें डामरीकृत औ सीमेन्टीकरण पक्की नालियां नए पार्कों का विकास पेडीघाट का उद्धार स्टॉपडेम ठीकर का जीर्णोद्धार सरीखे अनेक कार्य नगर पालिका द्वारा पटेल के मार्गदर्शन में कराए गए है। वही माचकनहर खिरकिया में लाइन पार नहर पहुंचाना इमलीढाना जलाशय परियोजना सहित दर्जनों सिंचाई योजनाएं उनके प्रयासों से हरदा जिले को प्राप्त हो रही है इससे यह क्षेत्र कृषि के क्षेत्र में अव्वल बन गया है यहां वूडपार्क-फूडपार्क योजना अंतर्गत ग्राम रोलगांव के समीप प्रस्तावित इंडस्ट्रीज एरिया जैसी अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं अभी गभ में है। इसी प्रकार हंडिया क्षेत्र में भीएकनए इंडस्ट्रीज एरिया का भी विकास कराए जाने की योजना पर कार्य चल रहा है। निकट समय समय इन योजनाओं का मूर्तरूप लेने पर पूर्णत: विकसित होकर प्रदेश में आदर्श नगर के रूप में जाना जाएगा। सन् 1990 में छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाले स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के राजस्व मंत्री कमल पटेल ने शुरू से ही राजनीति को सेवा का माध्यम माना है। सत्ता परिवर्तन से समाज परिवर्तन का उनका ध्येय वाक्य उनका मार्गदर्शन सिद्धांत बना रहा है भारतीय जनता युवा मोर्चा के माध्यम से लोकप्रिय युवा मोर्चा में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य होशंगाबाद जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष मोर्चे में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बनने का गौरव अप हुआ है । सक्रिय राजनीति में आने के बाद गृह जिले हरदा में अपनी शुरूआत की उस समय भाजपा की स्थिति अंकुर के समान थी ज्येष्ठ की तपती दोपहरी हो अथवा सावन भादों की झड़ी या सन 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के माध्यम से छात्र राजनीति में श्री पटेल ने प्रवेश किया इस दौरान उन्होंने शालिगराम तोमर सुश्री शोभा पेंढणकर संघ के सुरेश सोनी बाबा शाहनातू श्री भुस्कुटेजी, श्री गोविन्दचार्य मदनदास व्यास अआदि के सतत संपर्क में रहकर राजनीतिक दीक्षा प्राप्त की। स्व.कुशाभाऊ ठाकरे का विश्वास व स्नेह उन्हें सदैव मिला है उन्हीं के आशीर्वाद से वर्ष 1989 में भाजयुमों की प्रदेश कार्यसमिति की प्रदेश कार्य समिति का सदस्य बनने के बाद कामयाबी की नित नई मंजिलें हासिल की है।


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