मंगलवार, 1 सितंबर 2020

खसरा बटांको में फेरबदल करने वाले अनुरेखण जांचकर्ता अधिकारी की अग्रिम जमानत खारिज


सागर। न्यायालय- श्रीमान रामबिलास गुप्ता विशेष न्यायाधीश/भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी रामसेवक कुर्मी पिता छोटे लाल कुर्मी उम्र 71 वर्ष निवासी मकरोनिया जिला सागर म.प्र. का अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से उप संचालक (अभियोजन) अनिल कटारे ने शासन का पक्ष रखा। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आरोपी रामराज चैधरी पटवारी, तहसील मालथौन व अन्य के विरूद्ध विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त को जांच प्राप्त हुई थी जिसमें आरोपी द्वारा ग्राम चिनारी की पटवारी नक्सा सीट और नक्सा मे ग्राम पटवारी रामराज चौधरी एवं कुछ अन्य राजस्व अधिकारियों द्वारा खनन माफीयाओं के साथ मिलकर चिनारी ग्राम के खसरा नंबर 162/1 का रकबा 6 हेक्टेयर का गायव कर उसके स्थान पर प्राइवेट लोगों के नक्से कूट रचनाकर बना दिये है। जबकि खसरा नम्बर 162/1 में खनिज फर्सी पत्थर की पूर्व से शासन द्वारा घोषित खदान है। इसी प्रकार अन्य शासकीय खसरा नम्बर के नक्सों को बिगाड कर कूट रचना कर शासकीय जमीन में हेरफेर किया गया है। उक्त जांच पर पटवारी रामराज चैधरी, अनुरेखण जांचकर्ता अधिकारी रामसेवक कुर्मी एवं आर.आई देवेन्द्र द्विवेदी के साथ मिलकर ग्राम चिनारी की मूल नक्शा सीट मंे खसरा बटांको में फेरबदल कर कूट रचना करना पाया गया। कूट रचित किये गये खसरा बटांको के पट्टा धारकों के साथ मिलकर पत्थर उत्खनन् लीज स्वीकृत कराई गयी। उत्खनन लीज की प्रक्रिया के दौरान पटवारी रामराज चैधरी द्वारा इस तथ्य को छुपाकर कि पट्टा कृषि भिन्न प्रयोजन हेतु प्रतिबंधित है। लीेज आवेदकों के पक्ष में औपचारिक प्रतिवेदन दिया गया। तत्पश्चात लीज धारकों द्वारा अनुबंधित नक्सों से भिन्न कूटरचित स्थान पर पत्थर उत्खनन कर शासकीय भूमि और खनिज संपदा की हानी की गयी। आरोपी रामराज चैधरी पटवारी, अनुरेखण जांचकर्ता अधिकारी रामसेवक कुर्मी एवं आर.आई देवेन्द्र द्विवेदी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत आवेदन न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये कि प्रकरण की विवेचना अपूर्ण है तथा मामला शासन को वित्तीय क्षति कारित करने के संबंध में है जो कि एक गंभीर अपराध है। तथा प्रकरण के मुख्य आरोपी रामराज चैधरी तथा सहयोगी देवेन्द्र दुवेदी की गिरिफतारी अभी शेष है यदि जमानत का लाभ दिया तो साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रामसेवक कुर्मी पिता छोटे लाल कुर्मी का प्रस्तुत अग्रिम जमानत हेतु धारा 438 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया। मीडिया प्रभारी/ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी जिला सागर म.प्र.


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