सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी रंजीत चढार पिता ठाकुरदास चढार निवासी ग्राम औरिया थाना जैसीनगर जिला सागर का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना नरयावली में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 08.12.2017 के दोपहर में उसकी बेटी जिसकी उम्र 16 साल(नाबालिग) है गेहूॅ लाने का कहकर घर से बाहर गयी थी जो रात तक घर पर वापिस नही आयी। आस-पडोस एवं रिस्तेदारी में भी पता करने पर उसका कही कोई पता नही चला। कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला के ले गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण धारा 363 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान नाबालिग को दस्तयाव कर नाबालिग के कथन लिये गये जिसमें उसने बताया कि आरोपी रंजीत उसे बहला फुसला के भोपाल ले गया और एक किराये के कमरे में उसके साथ गलत काम करता रहा। विवेचना में आरोपी के विरूद्ध धारा 366,376 भादवि एवं 3/4, 5/6 पाॅक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रंजीत चढार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।