रविवार, 24 जनवरी 2021

नव वर्ष के उपलक्ष में वाल्मिकी समाज का वार्षिक सम्मेलन संपन्न,* *सर्वसम्मति से संस्थापक अध्यक्ष उमेश जंगाले को तीसरी बार चुना गया वाल्मीकि समाज का अध्यक्ष* *जो कार्य 100 वर्ष में नही हुए वह 2 वर्ष में हुवे*


बुरहानपुर(मेहलका इकबाल अंसारी) वाल्मीकि संगठन द्वारा नव वर्ष के उपलक्ष में वाल्मिकी समाज का वार्षिक सम्मेलन एवं नवीन कार्यकारिणी का गठन हेतु शनवारा स्थित धर्मशाला मे संपन्न हुआ। संगठन  पदाधिकारियों ने रीति रिवाज एवं परंपरा अनुसार श्री महर्षि वाल्मीकि के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना के पश्चात कार्रवाई प्रारंभ की गई।


समाज जनो ने संगठन के विस्तार को लेकर विचार विमर्श किया। जिसके बाद सर्वसम्मति से संस्थापक अध्यक्ष उमेश जंगाले को वाल्मीकि संगठन का तीसरी बार अध्यक्ष चुना गया। तीसरी बार अध्यक्ष बनाए जाने पर जंगाले ने समाज जनों का आभार माना और कहा की समाज के लोगो ने विश्वास करते हुए मुझे पुनः अध्यक्ष बनाया है मैं निस्वार्थ भाव से सदैव समाज के लिए तत्पर रहूंगा और दिए गए दायित्व का निष्ठापूर्ण तरीके से निर्वाह करूंगा। समाज जन के सर्वांगीण विकास एवं उनके उत्थान करने हेतु प्रयासरत रहूंगा। इसके साथ ही जो लोग बेरोजगार घूम रहे है उन्हे स्थाई रोजगार दिलाने के लिए सरकार और निगम से हक की लड़ाई जारी रखुंगा। उन्होने 2 वर्ष में संगठन द्वारा की गई सामाजिक गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए लोगो को संबोधित किया। जिसमे समाज जनों के 100 वर्षों से अधिक समय से लंबित कार्यो को केवल 2 वर्ष मे प्रक्रिया मे लाकर पुरा करने की बात कही। साथ ही कहा की कुछ कार्य निगम मे पेंडिंग है जिन्हे जल्द पुरा कराया जायेंगा। उमेश ने कहा की प्रदेश सरकार और निगम से अब आर पार की लड़ाई लडी जायेंगी। संरक्षक संग्राम बालगौहर ने अध्यक्ष जंगाले के कार्यकाल मे हुए कार्यो को सराहा। नव निर्वाचित अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि नगर पालिक निगम में हो रहे भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर समाज के लोगों के साथ हो रहे शोषण, अन्याय व अत्याचार पर रोक लगाई जाएंगी। जल्द ही संगठन के अधुरे पडे कार्यो को पुरा करवाने के लिये निगम का घेराव कर उग्र आंदोलन किया जायेंगा। कार्यक्रम पश्चात अध्यक्ष उमेश जंगाले ने लालबाग मे विजय पथरोल, और शाहपुर में अध्यक्ष गोविंद चावरे को अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके साथ ही महिलाओ का भी भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान सहदेव बोयत, रंजीत निधाने, विजय उज्जैनवाल जेदेव डिगे, ताराचंद मेलुन्दे, विजय पवार, शंकर बालु, विजय पथरोल, गोविंद चावरे, सहित अन्य पदाधिकारि मौजूद थे।

*नवागत अध्यक्ष ने संगठन द्वारा 2 वर्ष मे किए गये उल्लेखनीय कार्यो को गिनाया।*

*जाने 100 वर्ष बनाम 2 वर्ष*

1. वाल्मिकी समाज के भूमि मालिकाना हक के लिये देश आज़ादी के बाद से पहली बार निगम अधिकारियो एवं वाल्मिकी संगठन द्वारा समाज के लोगो के क्वाटरो का सर्वे किया गया जो की यह कार्य 95% पुर्ण हो चुका है शेष 5% जल्द ही पुरा होने की उम्मीद है।

2. वाल्मीकि संगठन के अथक प्रयासों से समाज के बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने हेतु पूरी पारदर्शिता के साथ सर्वे किया गया अंग्रेजो के शासन-काल के बाद शहर मे यह कार्य पहली बार हुआ। और जल्द ही सर्वे किए बेरोजगार लोगो को नौकरीयो मे भर्ती दिलाने हेतु भोपाल तक भी प्रयास किया जायेंगा।

3. वाल्मिकी समाज के लोगो से पुर्व मे पुरे महीने कार्य करवाया जाता था और छुट्टी के नाम पर सप्ताह मे बुधवार एवं रविवार को 2 बार करके आधे-आधे दिन की छुट्टी दी जाती थी जो की वह छुट्टी किसी काम नही आती थी। लेकिन वाल्मिकी संगठन ने समाज के लोगो को प्रत्येक रविवार की पूरी छुट्टी दिलाई जो की वर्षो मे पहली बार हुआ।

4. वाल्मिकी समाज के लोगो के मांगलिक कार्यों के लिये शहर मे सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन नही है। संगठन के अथक प्रयासों से समाज के लोगो के लिये सर्व सुविधायुक्त 50 लाख रुपए का सामुदायिक भवन बनाने का प्रस्ताव निगम की एमआईसी बेठक मे पास कराया गया जिसका कार्य वर्तमान मे प्रकिया मे है। 

5. वाल्मिकी समाज के रिटायर एवं मृतक कर्मियो की घर प्रथा और अनुकंपा की नौकरी दिलाने के लिये संगठन ने शहर मे पहली बार सर्वे किया। और यह कार्य कार्य भी प्रक्रिया मे है।

6. वाल्मिकी समाज के कई गरीब मध्यवर्गीय लोगो का अधिकारी  और कुछ तथाकथित नेता व लीडर खुलेआम शोषण कर रहे थे लेकिन वाल्मिकी संगठन के विरोध के बाद अधिकारी और नेताओ ने शोषण करना व उन पर दबाव बनाना बंद किया।

7. वाल्मिकी समाज की माँ, बहन, बेटी, बहु को कही ऐसा प्लेट फार्म (स्थान) नही मिला था जहां जाकर वह नारी शक्ति को जाने व पहचाने एवं उन्हे सार्वजनिक रुप से सम्मान मिले और उस सम्मान से उनका आत्मबल एवं मनोबल बढ़े। लेकिन वाल्मीकि संगठन ने उन्हे  संगठन से जोड़कर सम्मान दिया। जिसके बाद महिलाए धरना प्रदर्शन, आंदोलन और रैलियों में शामिल हुई और नारी शक्ती को पहचाना कि वह भी किसी से कम नहीं।

8. वाल्मीकि समाज के लोगों का ठेका पद्धति में खुलेआम शोषण किया जा रहा था। कई कर्मियो को खातो के बजाय नगद राशी का कम वेतन दिया जा रहा था। यह जानकारी संगठन को लगते ही वाल्मिकी संगठन ने निगम परिसर में कई राष्ट्रीयकृत बैंको के अधिकारियो के स्टाल लगवा कर कर्मियो के खाते खुलवाए और उनके खातो मे पुरा वेतन डलवाया। 

9. वाल्मिकी संगठन के पदाधिकारी  समाज के लंबित (पेंडिंग) कार्यों को पूरा करवाने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल व नगर पालिक निगम इंदौर अनगिनत बार गए और समाज की मांगे मनवाने का हर संभव प्रयास किया।

10. समाज के लोगो का हक, अधिकार दिलाने हेतु शहर, व नेपा तहसील, शाहपुर नगर परिषद मे कई बार धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया गया। और कई लोगो के अधुरे कार्य भी करवा कर दिये।

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